भारत सरकार का फ्रांस के रुख का समर्थन करना बिलकुल गलत , सरकार ने बीस करोड़ मुसलमानों की अनदेखी की - कोई भी मुसलमान अपने प्रिय पैगंबर हज़रत मुहम्मद की शान में मामूली अपमान भी सहन नहीं कर सकताः मौलाना अरशद मदनी
नई दिल्ली :अध्यक्ष जमीअत उलमा-ए-हिन्द मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि पिछले दिनों फ्रांस में जो कुछ हुआ और अब भी हो रहा है उसे कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता साबित कर रहे हैं और इसका समर्थन भी कर रहे हैं, लेकिन क्या एक सभय समाज में इस प्रकार के व्यवहार को सही ठहराया जा सकता है? उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की जितने भी धार्मिक और महान लोग हैं उन सब का सम्मान किया जाना चाहीए चाहे उनका सम्बंध किसी भी धर्म से हो। हमें हमारे नबी ने यह शिक्षा दी है कि किसी भी धर्म और किसी भी धार्मिक व्यक्ति को बुरा मत कहो, पूरी दुनिया के मुसलमान इस आदेश का पालन कर रहे हैं, किसी भी धर्म का मानने वाला यह दावा नहीं कर सकता कि किसी मुसलमान ने उसके धर्म के किसी धर्मिक व्यक्ति का अपमान किया हो या उसका मज़ाक उड़ाया हो। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा अपमानजनक खाकों के प्रकाशन और इस कुकर्म के समर्थन की घोर निंदा करते हुए कहा कि यह असहनीय है, यहां तक कि ऐसे लोगों का समर्थन करना जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में करोड़ों लोगों की ही नहीं बल्कि अरबों लोगों की असहनीय पीड़ा का कारण बनें, जो अति दुख का कारण ही नहीं बल्कि ...