साथी ए पी ज़ैदी से मेरी मुलाकात 1980 में हुई थी तब ज़ैदी साहब लोक दल के राष्ट्रीय कार्यालय 15 विंडसर प्लेस, नई दिल्ली में बैठते थे और रहते भी वहीं थे।एक दम समाजवाद और चौधरी चरण सिंह के पक्के अनुयाई और समर्थक। ज़ैदी साहब इंजीनियरिंग पढ़े ही नहीं थे बल्कि इंजीनियरिंग करते भी रहते थे। ज़ैदी साहब 24 सो घंटे समाजवाद और लोक दल कैसे मजबूत हो और आगे बढ़े इसी धुन में लगे रहते थे, इसी कारण वह गृहस्थ जीवन नहीं जी पाए और एक से बढ़कर एक परेशानी के साथ जिए, वह बड़ी हिम्मत वाले और बहादुर इंसान थे, दोस्तों के दोस्त थे। उनके कई करीबी साथी राजनीति में बहुत आगे तक गए उसमें ज़ैदी साहब का बड़ा योगदान था, परन्तु वो साथी ज़ैदी साहब के आखिरी और परेशानी वाले समय में उनके पास साधन होते हुए भी काम नहीं आए। एक सच्चा दोस्त, समाजवादी, किसान, मजदूर और गरीब आदमी की चिंता करने वाला किरदार जल्दी हमें छोड़ कर चला गया, अफसोस। सांप्रदायिक सदभाव कैसे मजबूत हो इस पर एक से बढ़कर एक उपाय और विचार ज़ैदी साहब पेश करते रहते थे। गरीब आदमी को किस तरह छोटी छोटी योजनाओं से लाभ मिल सकता है वह बनाते रहते थे। ज़ैदी साहब याद करना काफी नहीं है, दोस्तों उं दोस्तों का ध्यान रखना चाहिए जो काम या बिल्कुल साधनहीन हैं और राजनीति में हैं।
ए पी ज़ैदी की पुण्य तिथि पर एस एस नेहरा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट के स्मरण
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