साथी ए पी ज़ैदी से मेरी मुलाकात 1980 में हुई थी तब ज़ैदी साहब लोक दल के राष्ट्रीय कार्यालय 15 विंडसर प्लेस, नई दिल्ली में बैठते थे और रहते भी वहीं थे।एक दम समाजवाद और चौधरी चरण सिंह के पक्के अनुयाई और समर्थक। ज़ैदी साहब इंजीनियरिंग पढ़े ही नहीं थे बल्कि इंजीनियरिंग करते भी रहते थे। ज़ैदी साहब 24 सो घंटे समाजवाद और लोक दल कैसे मजबूत हो और आगे बढ़े इसी धुन में लगे रहते थे, इसी कारण वह गृहस्थ जीवन नहीं जी पाए और एक से बढ़कर एक परेशानी के साथ जिए, वह बड़ी हिम्मत वाले और बहादुर इंसान थे, दोस्तों के दोस्त थे। उनके कई करीबी साथी राजनीति में बहुत आगे तक गए उसमें ज़ैदी साहब का बड़ा योगदान था, परन्तु वो साथी ज़ैदी साहब के आखिरी और परेशानी वाले समय में उनके पास साधन होते हुए भी काम नहीं आए। एक सच्चा दोस्त, समाजवादी, किसान, मजदूर और गरीब आदमी की चिंता करने वाला किरदार जल्दी हमें छोड़ कर चला गया, अफसोस। सांप्रदायिक सदभाव कैसे मजबूत हो इस पर एक से बढ़कर एक उपाय और विचार ज़ैदी साहब पेश करते रहते थे। गरीब आदमी को किस तरह छोटी छोटी योजनाओं से लाभ मिल सकता है वह बनाते रहते थे। ज़ैदी साहब याद करना काफी नहीं है, दोस्तों उं दोस्तों का ध्यान रखना चाहिए जो काम या बिल्कुल साधनहीन हैं और राजनीति में हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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