।अशफाक कायमखानी। जयपुर। राजस्थान मे पहले स्वतंत्र पार्टी व लोकदल, फिर जनता पार्टी के बाद जनता दल एवं उसके बाद भाजपा नेता भैरोंसिंह शेखावत व कांग्रेस की आपसी रणनीति के तहत प्रदेश मे राजनीतिक तौर पर तीसरे विकल्प के खत्म होने से लगभग 1993 के बाद मुस्लिम समुदाय के पास मात्र कांग्रेस व भाजपा ही विकल्प बचे रहने से मुस्लिम समुदाय की राजनीतिक तौर पर अनदेखी प्रदेश मे तेजी के साथ होने लगी है। प्रैसर पोलटिक्स का वेक्यूम होने के चलते होती उस अनदेखी के वास्तविक जिम्मेदार मुस्लिम समुदाय स्वयं व कांग्रेस पार्टी के नेता दोनो सामुहिक तौर पर जिम्मेदार माने जा सकते है। हालांकि कांग्रेस नेताओं द्वारा ऊपरी तौर केवल मात्र मुस्लिम हितैषी के दिखावे का वातावरण बनाने की चेष्टा के चलते भाजपा कांग्र...