यूपी के लखीमपुर खीरी मे किसानों को रोंदने के बाद कांग्रेस राजनीति मे आये उछाल का असर राजस्थान मे भी नजर आने लगा।


                      ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                   राजस्थान मे कांग्रेस की सरकार बनने पर सत्ता मे भागीदारी मात्र कांग्रेस विधायकों तक सीमित करके आम कार्यकर्ताओं को सत्ता की भागीदारी से दूर रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का केडर उदासीन करके अगले चुनाव मे कांग्रेस को बूरी तरह हार का मजा चखाने के माहिर माने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राहुल गांधी द्वारा छ अक्टूबर को लखीमपुर मे भाजपा नेता के बेटे द्वारा लखीमपुर मे किसानों को गाडियों से रोंदकर मार देने के मामले मे मृतकों के परिजनों से मिलने जाने के समय आमंत्रित तक नही करने से राजस्थान की राजनीति मे अलग तरह की अफवाह उडने लगी है। जबकि इस दौरे मे राहुल गांधी कांग्रेस के तीन मे से दो छत्तीसगढ़ व पंजाब के दोनो मुख्यमंत्री  बघेल व चन्नी को दिल्ली बूलाकर अपने साथ यूपी लेकर गये।वही राजस्थान से उन्होंने गहलोत की बजाय पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को टोंक दौरे को बीच छोड़कर दिल्ली बूलाकर पायलट व प्रियंका गांधी के विश्वास पात्र नेता संत प्रमोद कृष्णम को सड़क मार्ग से लखीमपुर के लिये रवाना करना।
                     हालांकि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते पहले हुये दो आम विधानसभा चुनावों मे कांग्रेस पार्टी भाजपा के मुकाबले बूरी तरह हारने के उदाहरण मौजूद होने के बावजूद पीछले हफ्ते अपने सरकारी निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम मे मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने कार्यकाल के पांच साल पुरा करने एवं फिर से सरकार बनाने का दावा 1998-2003, व 2008-2013 के अपने बीते दो कार्यकालो के समय की तरह किया। गहलोत ने कुदरत को चैलेंज करते हुये यहां तक कह डाला की वो पंद्रह-बीस कही नही जाने वाले है। यही रहकर राजनीति करेगे।
                  लखीमपुर मे केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री टेनी के पूत्र पर लखीमपुर मे किसानों को गाड़ी चढाकर रोंद कर मौत के घाट उतारने के आरोप के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के मृतकों के परिवार व घायलो के मिलने जाने को लेकर यूपी प्रशासन ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश के बावजूद किसी तरह उनके आगे बढने के बाद सीतापुर मे उन्हें गिरफ्तार करके अस्थायी जैल मे रखने को लेकर कांग्रेस ने यूपी सहित भारत भर मे जगह जगह भारी विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन राजस्थान मे कांग्रेस सरकार होने के बावजूद कोई खास प्रदर्शन ना होकर प्रदेश कांग्रेस दफ्तर मे चंद लोगो की मोजूदगी मे व जिला स्तर पर दिखावे के तौर पर प्रदर्शन ही हुये।
                  कुल मिलाकर यह है कि लखीमपुर मे किसानों को गाडी से कुचलकर मारने के केन्द्रीय गृहमंत्री राज्यमंत्री टेनी के बेटे पर आरोप लगने के बाद कांग्रेस पार्टी ने आक्रामक रुख अपना लिया है। लेकिन आक्रामक रुख अपनाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी द्वारा कांग्रेस के कुल तीन मुख्यमंत्रियों मे से छत्तीसगढ़ व पंजाब के मुख्यमंत्री बघेल भूपेश व चन्नी चरणजीत को साथ साथ रखकर व राजस्थान से मुख्यमंत्री गहलोत की बजाय पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट को साथ रखकर आंदोलित होने से राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत के स्थायित्व को लेकर शंकाओं का बाजार गर्म है।

टिप्पणियाँ