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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा मुख्यमंत्री गहलोत के विकल्प बनेगे !



                  ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                शेखावाटी जनपद के लक्ष्मनगढ से तीसरी दफा विधायक बने गोविंदसिंह डोटासरा ने राजनीति मे तेजी के साथ ऊंची छलांग लगाते हुये क्षेत्र के दिग्गज व सीनियर नेताओं को मात देते हुये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रीमण्डल मे बतौर शिक्षा मंत्री जगह पाई। पिछले साल राज्य मे अशोक गहलोत व सचिन पायलट के मध्य कांग्रेस विधायकों मे बतोर समर्थक दो धड़े बनने से छिड़े विवाद के चलते डोटासरा शिक्षा मंत्री रहते अचानक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कल एक अंक्टूबर को उनके जन्म दिन को पहली दफा बडे रुप मे भव्य रुप से इस तरह मनाया गया जैसे दिग्गज राष्ट्रीय नेताओं के समर्थक उनके जन्म दिन मनाते है। इसके अलावा डोटासरा समर्थक क्षेत्र मे गहलोत-पायलट के मध्य चल रहे राजनीतिक तनाव को लेकर डोटासरा की राज्य के जल्द मुख्यमंत्री बनने की सम्भावना जताने लगे है।
               कांग्रेस की राष्ट्रीय हाईकमान से अच्छे रिस्ते बना चुके डोटासरा ने राज्य मे पायलट व गहलोत से भी परस्पर सद्भाव वाले राजनीतिक रिस्ते बना रखे है।राज्य मे संवेधानिक व राजनीतिक पदो पर हो रहे मनोनयन मे भी डोटासरा को पुरी अहमियत मिलना देखा जा रहा है। जाट जाती से तालूक रखने वाले डोटासरा के समर्थक अब अनेकों दफा कहने लगे है कि राजस्थान मे जाट को मुख्यमंत्री बनाने की देश आजादी से चली आ रही मांग अब डोटासरा के रुप मे साकार हो सकती है।
                प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के जन्म दिवस पर राष्ट्रीय नेता दिग्विजय सिंह द्वारा उन्हें केक काटकर उससे मुंह मिठ्ठा कराने के अलावा उनके हजारो समर्थकों द्वारा जयपुर जाकर उन्हें मुबारकबाद देने, जगह जगह मुबारकबाद के पोस्टर लगने एवं बडी तादाद मे विधायकों का उन्हें मुबारकबाद देने जाना अलग ही राजनीतिक संदेश देना बताया जा रहा है।
               पंजाब मे मुख्यमंत्री बदलने के बाद  शिक्षा मंत्री डोटासरा के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विकल्प के तौर पर सामने आने की सम्भावना उनके समर्थकों द्वारा जताने से खासतौर पर जाट बिरादरी व शेखावाटी जनपद मे होता अहसास साफ देखा जाने लगा है।
           कुल मिलाकर यह है कि डोटासरा से पहले भी शेखावाटी के अनेक नेता मुख्यमंत्री की दौड़ मे नजर आये थे। मुख्यमंत्री गहलोत के पिछले कार्यकाल मे सीकर से तालूक रखने वाले तत्तकालीन मजबूत व असरदार मंत्री राजेन्द्र पारीक के समर्थक भी एक समय उनको  मुख्यमंत्री की दोड़ मे आगे बताने लगे थे। लेकिन वर्तमान समय मे डोटासरा समर्थक लोग पायलट-गहलोत विवाद के मध्य एक मात्र विकल्प बता रहे है।

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