सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरशद अली खान विभागीय तरक्की पाकर उपमहानिरीक्षक पुलिस (DIG) बने।

             ।अशफाक कायमखानी। जयपुर।             राजस्थान केडर मे पदस्थापित भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की विभागीय तरक्की की आज सूची जारी हुई जिसमे वर्तमान मे हनुमानगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक पद पर पदस्थापित अरशद अली खान उपमहानिरीक्षक (DIG-POLICE) बने है। अरशद अली खान IPS से पहले फिरोज अहमद सिंधी व हैदर अली जैदी भी विभागीय तरक्की पाकर उपमहानिरीक्षक पुलिस बने थे। इसके अलावा तारिक आलम पुलिस अधीक्षक पद पर रह चुके है।              उक्त अधिकारियों के अलावा प्रदेश मे मुस्लिम समुदाय से मुराद अली अब्रा, लियाकत अली खान, निसार अहमद फारुकी व कुवंर सरवर खान तरकी पाकर महानिरीक्षक (IG- POLICE) बनकर सेवानिवृत्त हुये थे।         कुल मिलाकर यह है कि वर्तमान मे प्रदेश मे अबतक सीधे यूपीएससी से चयनित होकर आईपीएस बनकर राजस्थान केडर मे शाहीन सी नामक एक मात्र अधिकारी पदस्थापित हुये है। जो वर्तमान मे सीकर शहर उप पुलिस अधीक्षक पद पर पदस्थापित है। इनके अतिरिक्त उक्त सभी मुस्लिम ...

New Year 2025: Starts on Wednesday, ends on Wednesday

      The New Year 2025 is starting on 'Wednesday' and is ending on 'Wednesday'. Such a calendar made by the combination of days and dates has come for the third time in the 21st century. Earlier, this calendar has come twice in this century in 2003 and 2014. In this century, such a coincidence of the repetition of the calendar of 2025 will come a total of 11 times.    The coincidence of the repetition of this calendar in the century will also come in the upcoming years 2031, 2042, 2053, 2059, 2070, 2081, 2087 and 2098. In the last century also, such coincidence of repetition of the calendar of this year happened 11 times in 1902, 1913, 1919, 1930, 1941, 1947, 1958, 1969, 1975, 1986 and 1997. Repetition of calendars happens according to a simple mathematical process. The process of repetition of a calendar comes after 11 or 6 years in the same century for a general or non-leap year.    There are seven types of calendars for general years. ...

नववर्ष 2025: बुधवार से शुरू,बुधवार पर खत्म

 शताब्दी में तीसरी बार आया, ऐसा कैलेंडर नववर्ष 2025 का शुभारम्भ 'बुधवार' से प्रारंभ होकर 'बुधवार' के दिन ही खत्म हो रहा है। दिन और दिनांको के संयोग से बना ऐसा कैलेंडर 21वीं सदी तीसरी बार आया है। इससे पूर्व यही कैलेंडर इसी सदी में  पहले भी दो बार 2003 एवं 2014 में आ चुका है। इस सदी में 2025 के कलेण्डर की पुनरावृत्ति का ऐसा संयोग कुल 11 बार आयेगा।  सदी में इस कलेण्डर की पुनरावृत्ति का संयोग आगामी वर्षों 2031, 2042, 2053, 2059, 2070, 2081, 2087 तथा 2098 में भी आयेगा। विगत सदी में भी इस वर्ष के कलेण्डर की पुनरावृत्ति का ऐसा संयोग कुल 11 बार 1902, 1913, 1919, 1930, 1941, 1947, 1958, 1969, 1975,1986 एवं 1997 में भी आया था। कलेण्डरो की पुनरावृत्ति होना एक सामान्य गणितीय प्रकिया के अनुसार ही होती है। किसी कैलेंडर के दोहराने की प्रक्रिया एक सामान्य वर्ष के लिए एक ही शताब्दी में 11 या 6 वर्षों के बाद आती है।  सामान्य वर्ष के कैलेंडर कुल सात प्रकार के  होते हैं। लीप वर्ष के कैलेंडर भी कुल सात प्रकार के ही होते हैं। एक सामान्य वर्ष में 365 दिन होते हैं, जिसमें ...

मनमोहन सिंह जी को अंत्येष्टि में उचित सम्मान न देकर मोदी सरकार ने साबित कर दिया कि आरएसएस भारतीय संस्कृति की विरोधी है- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 29 दिसंबर 2024. मनमोहन सिंह जी की मृत्यु के बाद मध्यवर्ग के एक बड़े हिस्से में आत्मग्लानि का भाव स्पष्ट देखा जा सकता है। इस वर्ग को लग रहा है कि उसने भाजपा और आरएसएस के दुष्प्रचार में फंस कर उस व्यक्ति और पार्टी से दूरी बना ली थी जिसकी नीतियों ने आधुनिक मध्यवर्ग को जन्म दिया था। भारत में अपनी गलतियों को स्वीकार कर प्रायश्चित्त करने की परंपरा रही है। इसे मनमोहन सिंह जी की मृत्यु के बाद महसूस किया जा सकता है। उनकी अंत्येष्टि में उन्हें उचित सम्मान न देकर मोदी सरकार ने भाजपा और आरएसएस के भारतीय संस्कृति के विरोधी होने का प्रमाण दिया है।  ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 175 वीं कड़ी में कहीं। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि दुनिया के एक ध्रुवीय होने के बाद के भारत की कहानी मनमोहन सिंह की कल्पना और इच्छाशक्ति की कहानी है। जिन्होंने मानवीय चेहरे के साथ आर्थिक विकास को तरजीह दी तो वहीं नागरिक चेतना को मजबूत बनाने के लिए लोगों को अधिकारों से लैस किया। सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा क़ानून, मनरेगा, वन अधिकार क़ानूनों सेआम ...

लखनऊ पब्लिक स्कूल मे आर्ट-क्राफ्ट, विज्ञान प्रदर्शनी एवं मेले का आयोजन

  लखनऊ पब्लिक स्कूल, लखीमपुर खीरी में आर्ट-क्राफ्ट, विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। प्रीप्राइमरी के नन्हे-मुन्नो ने अपनी कोमल  कल्पनाओं से "फार्म एनिमल" और "ऑन द रोड'' , प्राइमरी के बच्चों ने "इन्वेंशन", "पपेट्स", जूनियर के बच्चों ने "कल्चरल हेरिटेज", "जूट डिकोर डिलाइट्स विथ नेचर्स टच" जैसे विषयों पर उत्कृष्ट मॉडलो द्वारा अपनी छुपी हुई प्रतिभा को उकेरा।    प्रदर्शनी में सीनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं ने  विज्ञान, गणित एवं सोशल-साइंस विषय पर आधारित रोचक, ज्ञानवर्धक चार्टस व मॉडल्स बनाये, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। वाणिज्य वर्ग के छात्रों ने 'एलपीएस कैफे' बनाकर लोगों का मन जीत लिया। विद्यालय के हाउस डिग्निटी, नोबल, रीगल एवं लिबर्टी ने क्रमशः 'फोटो फ्रेम में न्यू ईयर कार्ड', 'ज्वेलरी एंड एसेसरी होल्डर', 'शगुन कार्ड, वेयर, एनवेलप व क्राफ्ट वर्क' एवं 'न्यूज़पेपर एंड क्लोथ्स, हैंडमेड जूलरी और फ्लावर पाट' आदि विषयों पर विद्यार्थियों द्वारा बनाई गयी आकर्षक स...

पूर्व मंत्री यूनुस खान ने राजस्थान की राजनीति मे इतिहास रचा।

  ।अशफाक कायमखानी। जयपुर।              राजस्थान की राजनीति मे अनेक दिग्गज मुस्लिम नेताओं ने विधानसभा व लोकसभा चुनाव जीतकर विधायक व सांसद बनने के साथ केन्द्र व राज्य सरकारों मे मंत्री पद पाकर वतन की खिदमात की है। लेकिन वो तमाम लोग किसी ना किसी दल के निशान पर चुनाव लड़कर जनप्रतिनिधि बन पाये। राजस्थान की राजनीति मे मुस्लिम समुदाय से केवल मात्र युनुस खां ही ऐसा नेता है जिन्होंने देश मे राजनीति के हिसाब से जारी विपरीत माहोल मे डीडवाना से विधानसभा-23 का चुनाव निर्दलीय तौर पर लड़कर देश की दो प्रमुख पार्टियों के उम्मीदरवारो को हरा कर चुनाव जीत कर इतिहास रचा है।                      राजस्थान की राजनीति मे कांग्रेस-भाजपा के अलावा लोकदल,जनता दल, बसपा, जनता पार्टी से भी मुस्लिम विधायक बनते रहे है। पर इनमे भी विशेष बात यह है कि निम्बाहेड़ा से एक दफा जनसंघ से अब्दुल जब्बार नामक विधायक बन चुके है। जिनसे उनके जीवनकाल मे मै अनेक दफा मिल भी चुका था।             विधायक युन...

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जनवरी-25-के आखिर मे भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती है!

  ।अशफाक कायमखानी। जयपुर।               भाजपा संगठन के चुनाव चलने के मध्य खबरे आ रही है कि जनवरी आखिर तक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती है। पीछले कुछ सालो से वसुंधरा राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बावजूद राजनीतिक तौर पर साईडलाईन चल रही थी। लेकिन अब बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के चलते वसुंधरा राजे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना लगभग तय बताया जा रहा है।            राजनीतिक सूत्र बताते है कि उक्त पद पर संघ की पहली पसंद वसुंधरा राजे होने के चलते वर्तमान राजस्थान भाजपा सरकार की पहली वर्षगांठ के अवसर पर जयपुर मे आयोजित रैली मे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राजे को मंच पर अहमियत देने के साथ उसके नेतृत्व वाली तत्तकालीन सरकार के कामकाज की भी तारीफ करना बदलते हालात का एक साफ संकेत था। प्रधानमंत्री द्वारा राजे को दिल्ली बूलाकर उनसे मिलना ओर अच्छा होने का कहना।  उसके बाद प्रभारी महामंत्री द्वावा उक्त मुलाकात पर राजे के ट्वीट को रिट्वीट करते हुये राजे को ढेर सारी बधाई देना राजनी...

राज्यपाल ने देश और प्रदेशवासियों को क्रिसमस की दी शुभकामनाएं

         लखनऊ: 24 दिसंबर, 2024 :    प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने क्रिसमस के पावन अवसर पर सभी देश और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि क्रिसमस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, करुणा और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है।          उन्होंने कहा कि प्रभु ईसा मसीह ने अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से हमें सिखाया कि कैसे एक-दूसरे की मदद करके और सहानुभूति का व्यवहार अपनाकर समाज में शांति और भाईचारे की भावना को मजबूत किया जा सकता है।           राज्यपाल जी ने कामना की कि क्रिसमस का यह पवित्र त्योहार सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।

भाजपा नेताओं द्वारा बाबा साहब डॅ0 भीमराव अम्बेड़कर का अपमान करना उनकी संविधान विरोधी सोच को उजागर करता है

  लखनऊ, 23 दिसंबर 2024। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा बाबा साहब डॅ0 भीमराव अम्बेड़कर का अपमान करना उनकी संविधान विरोधी सोच को उजागर करता है, जिसकी कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती है। हम कांग्रेसजन उनकी संविधान विरोधी सोच एवं दलितों के प्रति उनके अनादर का भाव को आम जनमनास के बीच उजागर करेंगे। इसके लिए अपनी भविष्य की रूपरेखा को अंतिम रूप में बेलगाम कर्नाटक में होने वाली बैठक में देंगे। उन्होंने कहा कि मामला इतना गंभीर है और और दुखद भी कि हमारे एक प्रमुख महापुरूष जिनको स्मरण कर हम लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई लड़ते हैं, जिनकी अगुवाई में हमारा संवैधानिक ढांचा तैयार हुआ। उनके प्रति श्री अमित शाह जी द्वारा इस्तेमाल किये गये शब्द बहुत पीड़ादायक हैं। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेड़कर द्वारा किये गये महान कार्यों के लिए यह देश कृतज्ञ है। हम अपने संविधान निर्माता के प्रति लगातार प्रकट करते हैं मगर दुर्भाग्य यह है कि संघ की मानसिकता से चलने वाली भाजपा हमेशा से ही संविधान विरोधी रही है और अब तो वह खुलकर बाबा साहब का भी अपमान करने लगी है। अगर आज हम खड़े होकर इसका सामना...

असंवैधानिक फैसलों पर जनता को मुखर होकर बोलना पड़ेगा- शाहनवाज़ आलम

  नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश माइनॉरिटी कांग्रेस ने रविवार 22 दिसंबर 2024 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना और अदालतों के रवैय्ये पर परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा में पार्टी के पदाधिकारी, बुद्धिजीवी, और विधि विशेषज्ञों ने इस कानून के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की।  कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कई उदाहरण देते हुए न्यायिक तंत्र पर न्यायालयों द्वारा ही प्रहार किए जाने के प्रमाण दिए। उन्होंने कहा कि क़ानून का दुरुपयोग किसी के साथ नहीं होना चाहिए। लेकिन हम देख रहे हैं कि न्याय के तरीकों और तर्कों को बहुसंख्यकवादी आधार देने की कोशिश हो रही है। इससे न्यायपालिका अपनी संवैधानिक भूमिका से भटक रही है जिससे लोकतंत्र कमज़ोर होता जा रहा है।  अपूर्वानंद ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना करते हुए याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं बल्कि सवाल ये है कि इसे लेकर समाज में और राजनैतिक पार्टियों में शून्यता देखी जा रही है जो कि चिंता का विषय है।   सुप्रीम कोर्ट के अधिव...

न्यायतंत्र को बहुसंख्यकवादी बनाकर लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश हो रही है- अपूर्वानंद

    नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश माइनॉरिटी कांग्रेस ने रविवार 22 दिसंबर 2024 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना और अदालतों के रवैय्ये पर परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा में पार्टी के पदाधिकारी, बुद्धिजीवी, और विधि विशेषज्ञों ने इस कानून के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की।  कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कई उदाहरण देते हुए न्यायिक तंत्र पर न्यायालयों द्वारा ही प्रहार किए जाने के प्रमाण दिए। उन्होंने कहा कि क़ानून का दुरुपयोग किसी के साथ नहीं होना चाहिए। लेकिन हम देख रहे हैं कि न्याय के तरीकों और तर्कों को बहुसंख्यकवादी आधार देने की कोशिश हो रही है। इससे न्यायपालिका अपनी संवैधानिक भूमिका से भटक रही है जिससे लोकतंत्र कमज़ोर होता जा रहा है।  अपूर्वानंद ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना करते हुए याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं बल्कि सवाल ये है कि इसे लेकर समाज में और राजनैतिक पार्टियों में शून्यता देखी जा रही है जो कि चिंता का विषय है।   सुप्रीम कोर्ट क...

कांग्रेस के नेतृत्व में संविधान की रक्षा करेगा देश- शाहनवाज़ आलम

  नई दिल्ली, 22 दिसंबर 2024. आरएसएस शुरू से ही संविधान और बाबा साहब अंबेडकर के विचारों का विरोधी रहा है। उसकी मंशा देश पर मनुस्मृति थोपना है। सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है।  ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 175 वीं कड़ी में कहीं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बाबा साहब द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान की प्रति राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी को सौंपे जाने के 4 दिन बाद 30 नवंबर को ही आरएसएस ने अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर के माध्यम से संविधान को नहीं मानने की बात कह दी थी। आरएसएस मनुस्मृति को संविधान के बतौर लागू करना चाहता था। आरएसएस और हिंदू महासभा ने तब नेहरू और डॉ अंबेडकर का पुतला भी फूँका था।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी आरक्षण को खत्म करने के लिए जस्टिस वेंकट चलैय्या के नेतृत्व में संविधान की समीक्षा  कराने की कोशिश की थी। वहीं तत्कालीन संघ नेता के एस सुदर्शन ने सार्वजनिक तौर पर संविधान को देश की हर समस्या की जड़ बताया था।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार संव...

ऑलमाइटी शिवा एसोसिएशन (एन.जी.ओ.) द्वारा जरूरतमंदों को कम्बल वितरण एवं भंडारे का आयोजन

  लखनऊ  :  ऑलमाइटी शिवा एसोसिएशन (एन.जी.ओ.) द्वारा जरूरतमंदों को कम्बल वितरण एवं भंडारे का आयोजन भगवान अय्यप्पा मंदिर, विनीत खण्ड गोमती नगर, लखनऊ (निकट हुसरिया चैराहा) पर किया गया। कम्बल वितरण एवं भण्डारा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद के मा० सदस्य श्री रामसूरत राजभर जी उपस्थित रहे। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद के मा० सदस्य श्री रामसूरत राजभर द्वारा सैंकड़ों की संख्या में आये निर्धन व्यक्तियों एवं जरूरतमंदों को कम्बल वितरण किया गया और मौजूद लोगों ने भण्डारे में भोजन ग्रहण किया।     ऑलमाइटी शिवा एसोसिएशन (एन.जी.ओ.) के सचिव आदित्य चौधरी ने बताया कि इस मौके पर  मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद के मा० सदस्य श्री रामसूरत राजभर ने कहा कि आलमाइटी शिवा एसोसिएशन संस्था द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान हेतु विभिन्न प्रकार के प्रकल्प चला रही है जो की बहुत ही सराहनीय है व मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी यह संस्था इसी प्रकार से समाजसेवी कार्यों से नर सेवा-नारायण सेवा के उपदेश्य को प्राप्त करेंगे। मा० विधान परिषद के ...

आईआईएलएम अकादमी ऑफ हायर लर्निंग, लखनऊ ने अपना पूर्व छात्र वार्षिक मिलन समारोह ‘‘दस्तूर’’ 2024 आयोजित किया।

   लखनऊ : ‘घर वापसी’ शब्द पूर्व छात्रों का उनके अल्मा मेटर में स्वागत करने, मिलनसारिता की भावना का जश्न मनाने और शिक्षकों, बैच-मेट्स, जूनियर्स, सीनियर्स के साथ-साथ वर्तमान छात्रों से जुड़ने की परंपरा को दर्शाता है। इस परंपरा को जारी रखने के लिए, आईआईएलएम अकादमी ऑफ हायर लर्निंग, गोमती नगर, लखनऊ ने शनिवार, 21 दिसंबर, 2024 को संस्थान परिसर में अपना पूर्व छात्र वार्षिक मिलन समारोह आयोजित किया।   पूर्व छात्रों से फिर से जुड़ने और उनकी सफलता और उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए हर साल पूर्व छात्र मिलन समारोह आयोजित किया जाता है। इस आयोजन को लेकर पुराने और मौजूदा छात्रों में काफी उत्साह था। पूर्व छात्र शाम 6ः00 बजे कॉलेज पहुंचने लगे, जहां उनका पंजीकरण टीम द्वारा स्वागत किया गया और उन्हें परिसर का भ्रमण कराया गया। उन्होंने उन परिचित स्थानों का फिर से दौरा किया जहां उन्होंने अपने जीवन के बहुमूल्य क्षण बिताए थे और उन्हें तब से अब तक हुए विभिन्न विकासों को दिखाया गया।    कार्यक्रम की शुरुआत आईआईएलएम लखनऊ के निदेशक डॉ वी. वी. गोपाल और डीन (अकादमिक) डॉ शीतल शर्मा द...

संविधान समर्थक दलों को भाजपा को मजबूत करने वाले अंबानी अडानी का भी विरोध करना होगा- शाहनवाज़ आलम

  पटना, 15 दिसंबर 2024 . आरएसएस और भाजपा संविधान के मूल्यों के विरोधी हैं। सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी,   आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी सभी दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को मिले संवैधानिक अधिकारों के विरोधी रहे हैं। क्योंकि ये लोग संविधान के बजाए मनुस्मृति से देश की व्यवस्था चलाना चाहते हैं। सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है।  ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 173 वीं कड़ी में कहीं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान के 75 साल होने के अवसर पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ने जिस तरह संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस और जनता के संकल्प को रखा है वह पूरे देश को प्रेरित करता है। उनका भाषण देश को आश्वस्त  करता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में देश संविधान पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हमलों से सफलतापूर्वक मुक़ाबला करेगा और संविधान के शासन को फिर से कायम करेगा।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान विरोधी आरएसएस भाजपा का विरोध करने के साथ ...

पूजा स्थल अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश स्वागत योग्य- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 दिसंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूजा स्थल अधिनियम पर अगली सुनवाई तक मंदिर-मस्जिद से जुड़े किसी भी नए मुकदमे को दर्ज नहीं करने के आदेश का स्वागत किया है। शाहनावाज़ आलम ने जारी बयान प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगली सुनवाई तक किसी नए मुकदमे को दर्ज करने पर रोक तो ठीक है लेकिन जो मुकदमें इस अधिनियम की अवमानना करते हुए स्वीकार किए गए हैं, उसपर भी सुप्रीम कोर्ट से कार्यवाई की उम्मीद की जा रही थी। क्योंकि पूजा स्थान अधिनियम स्पष्ट तौर से कहता है कि 15 अगस्त 1947 तक पूजा स्थलों का जो भी चरित्र और स्टेटस है वह न केवल यथावत रहेगा बल्कि उसे चैलेंज करने वाली कोई याचिका भी किसी कोर्ट, ऑथोरिटी या ट्रिब्युनल में स्वीकार नहीं की जा सकती।  इसका सीधा मतलब हुआ कि मस्जिदों और मज़ारों को मंदिर बताने वाली याचिकाओं का स्वीकार किया जाना ही असंवैधानिक था।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ़्तों में पूजा स्थल अधिनियम पर अपना पक्ष रखने का समय दिया है। जबकि तथ्य यह है कि तत्काल...

शेखर यादव और दिनेश पाठक को बर्खास्त करने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने भेजा सीजेआई को ज्ञापन

    लखनऊ, 11 दिसंबर 2024. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने विश्व हिंदू परिषद की बैठक में शामिल होने वाले  इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों शेखर यादव और दिनेश पाठक को बर्खास्त करने की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रदेश भर से ज्ञापन भेजा है।  कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि देश संविधान से चलेगा अगर कोई जज इस बुनियादी सिद्धांत को नहीं मानता हो और कहता हो कि देश बहुसंख्यकवादी विचार से चलेगा तो ऐसे जज को पद से तुरंत बर्खास्त कर उसके पुराने निर्णयों की भी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी मांग के साथ मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेश भर से ज्ञापन भेजा है।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि शेखर यादव और दिनेश पाठक न्यायिक व्यवस्था पर कलंक हैं जिसे मिटाने की ज़िम्मेदारी सीजेआई की है। लेकिन पूरा देश देख रहा है कि नागरिक समाज के कई बार सवाल उठाने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले रहा है। अगर अपनी साख बचाने में भी न्यायपालिका इतना संकोच करेगी तो जनता उस...

अटाला मस्जिद को मन्दिर बताने वाली याचिका का स्वीकार किया जाना असंवैधानिक, सीजेआई करें जज पर कार्यवाई- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 10 दिसंबर 2024 . अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने जौनपुर की ऐतिहासिक अटाला मस्जिद को मंदिर बताने वाली याचिका की पोषणीयता को जौनपुर की अदालत द्वारा स्वीकार कर लिए जाने को पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना बताया है।  कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इस अधिनियम की अवमानना करने वाले जज के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम स्पष्ट तौर से कहता है कि 15 अगस्त 1947 के दिन तक जो पूजा स्थलों का जो भी चरित्र था उसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता और उनको चैलेंज करने वाली कोई याचिका किसी भी कोर्ट में स्वीकार नहीं हो सकती। ऐसे में अगर निचली अदालतें इसकी अवमानना करती हैं और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस पर चुप रहते हैं तो इससे उनकी नीयत पर भी सवाल उठता है।  उन्होंने कहा कि ऐसी याचिकाओं की बाढ़ आना, निचली अदालतों से उन्हें स्वीकार कर लिया जाना और सुप्रीम कोर्ट का मूकदर्शक बने रहना साबित करता है कि देश का माहौल बिगाड़ने की साज़िश में न्यायपालिका का भी एक हिस्सा शाम...

जस्टिस शेखर यादव और दिनेश पाठक को बर्खास्त करें सीजेआई, उनके फैसलों की करें समीक्षा- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 9 दिसंबर 2024. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों के विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने को न्यायपालिका के निचले स्तर पर गिरते जाने का नया कीर्तिमान बताया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा इन दोनों जजों के खिलाफ़ अब तक कार्यवाई न करने पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है।  लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जस्टिस शेखर कुमार यादव और जस्टिस दिनेश पाठक किसी गैर सरकारी और गैर विभागीय मंच पर कैसे जा सकते हैं। यह जजों के कोड ऑफ़ कंडक्ट के खिलाफ़ है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट को ख़ुद संज्ञान लेकर इन दोनों जजों को पद से हटा देना मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी है जिसको निभा पाने में वो असफल दिख रहे हैं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अपने संबोधन में जस्टिस शेखर यादव का यह कहना कि भारत अपने बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार चलेगा, बताता है कि जस्टिस यादव संविधान तक को नहीं मानते जो भारत को बहुसंख्यकवादी राज्य नहीं बल्कि सेकुलर और लोकतांत्रिक राज्य मानता है। जिसके अनु...

अगर पूजा स्थल अधिनियम खत्म होगा तो कल भाजपा आरक्षण भी खत्म कर देगी- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 8 दिसंबर 2024. पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ख़ारिज कर देने के बजाए उसे तीन जजों के बेंच को सुनवाई के लिए भेज दिया जाना चिंता का विषय है। आज इस क़ानून के साथ ऐसा हो रहा है तो कल आरक्षण की भी समीक्षा भाजपा सरकार करायेगी। ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 172 वीं कड़ी में कहीं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पिछले दिनों जस्टिस अहमदी फाउंडेशन द्वारा आयोजित व्याख्यान में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश रोहिंगटन नरीमन द्वारा पूजा स्थल अधिनियम को कमज़ोर करने में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की भूमिका पर उठाए गए सवालों से न्यायपालिका कटघरे में आ गयी है। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के सामने यह लक्ष्य है कि वो चंद्रचूड़ द्वारा क़ानून के साथ की गयी छेड़छाड़ को दुरुस्त करें ताकि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा फिर से बहाल हो सके। उन्होंने कहा कि संविधान का आर्टिकल 141 स्पष्ट तौर से कहता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय देश की सभी अदालतों पर लागू होंगे तब निचली अदालतें अगर इसकी अ...

हाशिमपुरा के दोषियों को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण, केंद्र-राज्य सरकार ने नहीं की ठीक से पैरवी- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 7 दिसंबर 2024 . सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1987 के मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार में 38 मुसलमानों की हत्या के दोषी पीएसी के आठ जवानों को जमानत दिए जाने को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।  लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाशिमपुरा के मुजरिमों को बेल दिया जाना स्पष्ट करता है कि उत्तर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार ने इस मामले में प्रभावी पैरवी नहीं की। इससे यह भी साबित होता है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ऐसे पुलिसकर्मीयों के खिलाफ़ सही पैरोकारी न करके भविष्य में भी ऐसी घटनाओं के होने का रास्ता खोलना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैय्ये से पुलिस का अपराधीकरण होगा जो चिंता का विषय है।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जघन्य हत्याकांड के दोषियों को 31 साल बाद सज़ा होना और 6 साल बाद ही जमानत दे दिया जाना हमारी न्याय व्यवस्था की छवि पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

मुस्लिम दंपत्ति द्वारा सोसाइटी में घर खरीदने का विरोध करने वालों पर एफआईआर दर्ज करे मुरादाबाद पुलिस- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 6 दिसंबर 2024. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने मुरादाबाद की टीडीआई हॉउसिंग सोसाइटी में मुस्लिम परिवार द्वारा फ्लैट खरीदने का विरोध करने वालों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है। लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि टीडीआई हॉउसिंग सोसाइटी के डॉक्टर अशोक बजाज ने डॉक्टर यूनुस चौधरी और डॉक्टर इकरा को अपना फ्लैट बेचा था। जिसके बाद से ही सोसाइटी के सांप्रदायिक तत्व दंपत्ति पर धार्मिक आधार पर सोसाइटी छोड़ने का दबाव डाल रहे हैं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सोसाइटी के अमित वर्मा का अखबारों में बयान छपा है कि जब तक मुस्लिम दंपत्ति सोसाइटी नहीं छोड़ देती तब तक वो धरना देते रहेंगे। वहीं एक दूसरे व्यक्ति अरविंद अग्रवाल का भी बयान छपा है कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से फ्लैट की रजिस्ट्री को ख़ारिज करने की मांग की है क्योंकि वो मुस्लिम को सोसाइटी में नहीं रहने देना चाहते हैं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य और शर्म की बात है कि ऐसे बयान देने वालों पर जिला प्रशासन ने अब तक मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल क्यों नहीं भेजा क्यो...

6 से 22 दिसंबर तक पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना के खिलाफ़ यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस चलायेगा अभियान- शाहनवाज़ आलम

  4 दिसम्बर 2024. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस पूजा स्थल अधिनियम की निचली अदालतों द्वारा अवमानना और उस पर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी के खिलाफ़ 6 से 22 दिसम्बर तक जन अभियान चलायेगा। इसके तहत देश के मुख्य न्यायाधीश को एक लाख पत्र भेजे जाएंगे।  यह जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी।  शाहनवाज़ आलम ने बताया कि 1991 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूजा स्थल अधिनियम बनाया था जिसे देश की दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से पास किया था। अधिनियम में कहा गया था कि 15 अगस्त 1947 तक उपासना स्थलों का जो भी चरित्र था वो वैसे ही रहेगा। उसे चुनौती देने वाली कोई याचिका किसी कोर्ट में स्विकार नहीं हो सकती। इसके साथ ही पुराने सभी लंबित वाद भी स्वतः ही समाप्त हो जाएंगे। लेकिन बावजूद इसके पूर्व मुख्य मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बताने वाली याचिका को स्वीकार कर के देश भर में ऐसे विवादों की शुरुआत कर दी गयी। यह एक ऐसा मामला था जहाँ ...

मानवाधिकार नेता नदीम खान को फंसाने की साज़िश निंदनीय- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 3 दिसंबर 2024. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने चर्चित मानवाधिकार नेता और एपीसीआर के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान को दिल्ली पुलिस द्वारा उत्पीड़ित करने और फँसाने की कोशिशों की निंदा की है।   शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि हेट स्पीच, भीड़ हिंसा और नागरिकों पर पुलिस फायरिंग जैसी घटनाओं पर नदीम खान और उनका संगठन एपीसीआर लगातार पीड़ितों के सवाल उठाते रहे हैं और उन्हें क़ानूनी मदद भी करते रहे हैं। उन्होंने देश भर में कई बेगुनाहों को भाजपा सरकारों के फ़र्जी मुकदमों से बरी करवाया है।  उन्होंने कहा कि संभल की निचली अदालत द्वारा पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन करके संविधान विरोधी निर्देश देने के बाद हुए प्रदर्शन में शामिल बेगुनाह मुस्लिम युवाओं की पुलिस द्वारा हत्या पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए जेल भेजे गए बेगुनाहों की कानूनी मदद की बात की थी। जिससे भाजपा सरकार उनकी आवाज़ दबाने के लिए उन्हें फंसाने की साज़िश रच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी नदीम खान समेत सभी मानवाधिकार नेताओं के साथ खड़ी है और उनके उत्पीड़न की साज़िश में शामिल पुलिस अ...

भाजपा समर्थक को जाँच आयोग का सदस्य बनाकर संभल की सच्चाई छुपाना चाहती है सरकार- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 2 दिसंबर 2024. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने आरोप लगाया है कि संभल की सच्चाई  छुपाने के लिए राज्य सरकार ने अपने कार्यकर्ता को जाँच आयोग का सदस्य बना दिया है। जिससे साबित होता है कि संभल की हिंसा राज्य सरकार और भाजपा द्वारा सुनियोजित थी।  शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि राज्यपाल द्वारा गठित जाँच आयोग में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन का होना ही आयोग के गठन की पोल खोल देता है। क्योंकि अरविंद जैन टीवी डिबेट्स में रोज़ शाम को योगी सरकार के पक्ष में कुतर्क रखने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 2015 में डीजीपी पद से रिटायर होने के बाद मेरठ में कहा था कि वो भाजपा जॉइन करके 2017 का विधान सभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उनको टिकट नहीं मिल पाया। जिसके बाद से ही वो योगी सरकार को खुश करने के लिए रोज़ टीवी डिबेटों में सरकार के हर गलत काम को सही बताते हैं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सरकार के सांप्रदायिक और मुस्लिम विरोधी रवैय्ये का बचाव करने वाले पर निष्पक्ष जाँच रिपोर्ट देने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?  उन्होंने कहा कि जाँच आयोग को जा...

हेट स्पीच पर चंद्रधारी सिंह का रिकॉर्ड ख़राब, प्रदेश का मुख्य न्यायाधीश बनने से नफरत फैलाने वालों का मनोबल बढ़ेगा- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 1 दिसंबर 2024. चंद्रधारी सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहते हुए अनुराग ठाकुर को 'गोली मारो सालों को' जैसे हिंसा उकसाने वाले मुकदमे में अपराधी मानने से इनकार कर दिया था। उनका तर्क था कि यह नारा उन्होंने मुस्कुराते हुए लगाया था इसलिए इसे धमकी और हेट स्पीच नहीं माना जाएगा। ऐसे विवादित फैसले देने वाले चंद्रधारी सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने से जनता में गलत संदेश जायेगा। ऐसी स्थिति बनती जा रही है जहाँ प्रदेश की शांति व्यवस्था को न्यायपालिका से ही खतरा उत्पन्न होता दिख रहा है।  ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और बिहार सह प्रभारी शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 171 कड़ी में कहीं।  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अनुराग ठाकुर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहते हुए उन्होंने कहा था कि "चुनाव के दौरान दिए गए भाषण अलग होते हैं. अगर यही भाषण किसी और वक्त दिया होता तो ये भड़काने के लिए होता". शाहनवाज़ आलम ने कहा कि उनकी इस व्याख्या से यही निष्कर्ष निकलता है कि चुनाव के समय कोई भी नफरत और उकसाने वाली भाषा बोल...