अटाला मस्जिद को मन्दिर बताने वाली याचिका का स्वीकार किया जाना असंवैधानिक, सीजेआई करें जज पर कार्यवाई- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ, 10 दिसंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव
शाहनवाज़ आलम ने जौनपुर की ऐतिहासिक अटाला मस्जिद को मंदिर बताने वाली
याचिका की पोषणीयता को जौनपुर की अदालत द्वारा स्वीकार कर लिए जाने को पूजा
स्थल अधिनियम की अवमानना बताया है।
कांग्रेस
प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य
न्यायाधीश से इस अधिनियम की अवमानना करने वाले जज के खिलाफ़ कार्यवाई की
मांग की है। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम स्पष्ट तौर से कहता है कि
15 अगस्त 1947 के दिन तक जो पूजा स्थलों का जो भी चरित्र था उसमें कोई
बदलाव नहीं हो सकता और उनको चैलेंज करने वाली कोई याचिका किसी भी कोर्ट में
स्वीकार नहीं हो सकती। ऐसे में अगर निचली अदालतें इसकी अवमानना करती हैं
और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस पर चुप रहते हैं तो इससे उनकी नीयत
पर भी सवाल उठता है।
उन्होंने
कहा कि ऐसी याचिकाओं की बाढ़ आना, निचली अदालतों से उन्हें स्वीकार कर
लिया जाना और सुप्रीम कोर्ट का मूकदर्शक बने रहना साबित करता है कि देश का
माहौल बिगाड़ने की साज़िश में न्यायपालिका का भी एक हिस्सा शामिल है। यह
न्यायालय के सहयोग से किसी देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का पूरी
दुनिया में इकलौता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक
कांग्रेस पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट की संदेहास्पद
चुप्पी पर सीजेआई को पूरे प्रदेश से एक लाख पत्र भेजकर उनकी चुप्पी की वजह
जानने का अभियान पिछले 6 दिसंबर से चला रहा है।
उन्होंने
कहा कि संविधान और क़ानून के शासन में यक़ीन रखने वाले राजनीतिक दलों को
खुलकर पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।
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