पूर्व मंत्री यूनुस खान ने राजस्थान की राजनीति मे इतिहास रचा।
।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
राजस्थान की राजनीति मे अनेक दिग्गज मुस्लिम नेताओं ने
विधानसभा व लोकसभा चुनाव जीतकर विधायक व सांसद बनने के साथ केन्द्र व राज्य
सरकारों मे मंत्री पद पाकर वतन की खिदमात की है। लेकिन वो तमाम लोग किसी
ना किसी दल के निशान पर चुनाव लड़कर जनप्रतिनिधि बन पाये। राजस्थान की
राजनीति मे मुस्लिम समुदाय से केवल मात्र युनुस खां ही ऐसा नेता है
जिन्होंने देश मे राजनीति के हिसाब से जारी विपरीत माहोल मे डीडवाना से
विधानसभा-23 का चुनाव निर्दलीय तौर पर लड़कर देश की दो प्रमुख पार्टियों के
उम्मीदरवारो को हरा कर चुनाव जीत कर इतिहास रचा है।
राजस्थान की राजनीति मे कांग्रेस-भाजपा के अलावा
लोकदल,जनता दल, बसपा, जनता पार्टी से भी मुस्लिम विधायक बनते रहे है। पर
इनमे भी विशेष बात यह है कि निम्बाहेड़ा से एक दफा जनसंघ से अब्दुल जब्बार
नामक विधायक बन चुके है। जिनसे उनके जीवनकाल मे मै अनेक दफा मिल भी चुका
था।
विधायक युनुस खा शुरुआती दौर मे
राजनीतिक तौर पर भैरोंसिंह शेखावत के करीबी रहकर डीडवाना से पहला विधानसभा
चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा। इसके बाद वसुंधरा राजे के केंद्र की राजनीति
से राज्य की राजनीति मे आने पर यह धीरे धीरे वसुंधरा राजे के करीब आते गये।
वर्तमान समय के पहले यह दो दफा विधायक बने तो तत्तकालीन मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे ने इन्हें मंत्रीमंडल मे जगह देकर महत्वपूर्ण विभागो की
जिम्मेदारी सोंपी। मंत्री रहते यूनुस ने अपनी काबलियत के बल पर जनता के
दिलो व राजनीति के क्षेत्र मे विशेष जगह बनाई।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान की राजनीति मे निर्दलीय तौर पर
जीतकर विधायक बनने वाले युनुस खां पहले मुस्लिम है। इससे पहले यूनुस खा दो
दफा भाजपा की टिकट पर जीतकर विधायक बने। तब दोनो दफा भाजपा सरकार मे
मंत्री रहे है।
टिप्पणियाँ