सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पूजा स्थल अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश स्वागत योग्य- शाहनवाज़ आलम

 


लखनऊ, 12 दिसंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूजा स्थल अधिनियम पर अगली सुनवाई तक मंदिर-मस्जिद से जुड़े किसी भी नए मुकदमे को दर्ज नहीं करने के आदेश का स्वागत किया है।

शाहनावाज़ आलम ने जारी बयान प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगली सुनवाई तक किसी नए मुकदमे को दर्ज करने पर रोक तो ठीक है लेकिन जो मुकदमें इस अधिनियम की अवमानना करते हुए स्वीकार किए गए हैं, उसपर भी सुप्रीम कोर्ट से कार्यवाई की उम्मीद की जा रही थी। क्योंकि पूजा स्थान अधिनियम स्पष्ट तौर से कहता है कि 15 अगस्त 1947 तक पूजा स्थलों का जो भी चरित्र और स्टेटस है वह न केवल यथावत रहेगा बल्कि उसे चैलेंज करने वाली कोई याचिका भी किसी कोर्ट, ऑथोरिटी या ट्रिब्युनल में स्वीकार नहीं की जा सकती।  इसका सीधा मतलब हुआ कि मस्जिदों और मज़ारों को मंदिर बताने वाली याचिकाओं का स्वीकार किया जाना ही असंवैधानिक था। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ़्तों में पूजा स्थल अधिनियम पर अपना पक्ष रखने का समय दिया है। जबकि तथ्य यह है कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित के समय से अब इस नोटिस को जोड़ दिया जाए तो आधा दर्जन बार सुप्रीम कोर्ट केंद्र को पूजा स्थल अधिनियम पर उसका पक्ष जानने के लिए नोटिस दे चुकी है। जिसपर केंद्र ने एक बार भी जवाब नहीं दिया है। मोदी सरकार इसपर कोई जवाब इसलिए नहीं देती कि यह अधिनियम संसद द्वारा बनाया गया था जिसका तकनीकी तौर पर समर्थन करना भारत सरकार की मजबूरी है। 

उन्होंने कहा कि सबसे दुखद तथ्य यह है कि ख़ुद सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पहले स्वीकार किया और निचली अदालतों के संदिग्ध जजों के सामने भी मस्जिदों को मन्दिर बताने वाली याचिकाएं इस अधिनियम का विरोध करने वाले आरएसएस और भाजपा नेताओं से डलवाई गयीं और उन्हें स्वीकार किया जाता रहा। सबसे अहम कि कोर्ट द्वारा याचिका डालने वालों की मंशा समझने की कोशिश ही नहीं की गयी जबकि यह वाद स्वीकार करने से पहले ज़रूरी होता है। अगर ऐसा किया गया होता तो भाजपा नेता और हेट स्पीच के आरोपी अश्वनी उपाध्याय की इस अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाएं प्रथम दृष्ट्या ही ख़ारिज हो जातीं। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एक रणनीति के तहत भाजपा सरकार इन नोटिसों का जवाब नहीं दे रही थी और दूसरी तरफ अपने कार्यकर्ताओं से याचिकाएं भी डलवा रही थी। इस साज़िश में पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ ख़ुद भी शामिल थे। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस पूजा स्थल अधिनियम की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट के रवैय्ये के खिलाफ़ पूरे प्रदेश से एक लाख पत्र सीजेआई संजीव खन्ना को भेजने का अभियान पिछले 6 दिसंबर से चला रहा है। जिसका समापन 22 दिसंबर को दिल्ली के कांस्टियूशन क्लब में सम्मलन में किया जाएगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।