
लखनऊ, 8 दिसंबर 2025. असम भारत का हिस्सा है इसलिए असम के लोग देश में कहीं भी रह सकते हैं. असमी बोलने के कारण उन्हें बांग्लादेशी और रोहंगिया बताने वाली लखनऊ की मेयर सुषमा ख़र्कवाल को लखनऊ में रह रहे असम के लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए. मेयर को असमी लोगों से छीने गए ठेलों को वापस कर देना चाहिए.
ये बातें गुडंबा थाने के पास स्थित फूलबाग में रह रहे असमी लोगों के साथ उनके समर्थन में प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने कहीं.
उन्होंने कहा कि अगर असमी बोलने वालों को यूपी से भगाया जाएगा तो कल असम में भी उल्फा जैसे अतिवादी संगठन हिंदी भाषी लोगों के ख़िलाफ़ फिर से हिंसा फैलायेंगे. अगर ऐसा होता है तो इसकी ज़िम्मेदार भाजपा होगी.
कांग्रेस के शहर अध्यक्ष शहज़ाद आलम ने कहा कि कल शहर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने असम के लोगों की बस्ती का दौरा किया और पाया कि उनके पास असम के बारपेटा और गोलपाड़ा ज़िले के नागरिक होने के सारे प्रमाण हैं जिसमें आरएनआरसी दस्तावेज़ भी शामिल है. उन्हें जबरन बांग्लादेशी और रोहंगिया बताके भाजपा सरकार उन्हें परेशान कर रही है.
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद कि हर ज़िले में घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनेगा मेयर सुषमा ख़र्कवाल जबरदस्ती बंगला बोलने वालों को विदेशी साबित करने के दबाव में भारतीय लोगों को ही विदेशी बताने में लगी हैं. लेकिन कांग्रेस भाजपा की इस नफ़रती राजनीति को सफल नहीं होने देगी.
लखनऊ में पिछले 18 साल से रह कर सफाई कर्मी का काम करने वाले इम्तियाज़ ने बताया कि मेयर के साथ आए पुलिस ताले तोड़ कर उनके ठेले ले कर चली गई जबकि परिवार चलाने का वही एक माध्यम था. 15 साल से रह रहे अलीमुद्दीन ने बताया कि मेयर ने उन्हें 15 दिन में लखनऊ छोड़ने की धमकी भी दी जबकि वो लोग यहाँ एक निजी प्लॉट पर किराया देकर रह रहे हैं. पीड़ितों ने मीडिया के सामने असम के अपने गाँव के आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, एनआरसी रिकॉर्ड और लखनऊ के श्रम विभाग का पत्र भी दिखाया.
प्रेस कांफ्रेंस में नावेद नकवी, मनीष जायसवाल, अख़्तर मलिक, शाहनवाज़ ख़ान, मसूद अहमद, हम्माम वहीद, सैयद ज़ाहिद, नोमन अहमद, काशिफ़ सिद्दीकी, अहमद रज़ा आदि मौजूद रहे.
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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