।अशफाक कायमखानी।
सीकर-राजस्थान।
स्व. पोखराम भामू एवं स्व. गंगा देवी भामू की स्मृति में स्व. गंगा देवी भामू की तृतीय पुण्यतिथि पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भोजासर छोटा में शनिवार को आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, सुधीर महरिया स्मृति संस्थान निदेशक एवं रक्त मोटीवेटर बी एल मील, ग्राम पंचायत प्रशासक संदीप शर्मा, लैब अधीक्षक सत्येंद्र कुड़ी ने स्वर्गीय गंगा देवी भामू एवं पोखर राम भामू के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया |
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने कहा कि रक्तदान जरुरतमंद के लिए जीवनदान है । एक रक्तदाता द्वारा किये एक यूनिट रक्तदान से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है | इस प्रकार के शिविर का आयोजन समय- समय पर होना चाहिए। रक्तदान सबसे बड़ा दान है | रक्तदान करके हम पुण्य ही नहीं कमा रहे हैं बल्कि हमारे स्वयं के लिए भी फायदेमंद है | नियमित रक्तदाता के हार्ट अटैक एवं कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती हैं तथा रक्तदाता हर समय एनर्जेटिक भी रहता है इसलिए समय-समय पर सभी को रक्तदान करना चाहिए।
इस अवसर पर स्वर्गीय गंगा देवी भामू के सुपुत्र पवन भामू और पुत्रवधू संतोष भामू ने सपत्नीक रक्तदान किया।
आयोजन समिति के पवन भामू एवं संजय पचार ने बताया कि सायं साढ़े चार बजे तक चले रक्तदान शिविर में युवा और महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा 102 यूनिट रक्तदान हुआ। इस अवसर पर भागीरथ बीरड़ा, मदन भामू, राजेंद्र भामू , सुल्तान फगेड़ियां, मदन मीणा राजेंद्र पचार,केशर देव भामू सहित अनेक गणमान्य लोगों ने रक्तदाताओ का हौसला अफजाई करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए l
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

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