लखनऊ: 15 सितंबर, 2025 : प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) श्री असीम अरुण ने बताया कि समाज के वंचित वर्गों के प्रतिभाशाली
विद्यार्थियों को अब विदेश में उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने का मौका मिला
है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय विदेश छात्रवृत्ति
योजना के अंतर्गत चयन वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस
योजना का लक्ष्य अनुसूचित जाति, घुमंतू/अर्ध-घुमंतू जनजाति, भूमिहीन कृषि
मजदूर एवं परंपरागत कारीगर परिवारों के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को
विदेश की शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों/संस्थानों में मास्टर्स और पीएच.डी.
स्तर की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
समाज कल्याण विभाग
के उपनिदेशक श्री ए के सिंह ने बताया, आवेदन प्रक्रिया 15 सितंबर से 24
अक्टूबर 2025 तक एनओएस पोर्टल ीजजचेरूध्ध्दवेउेरमण्हवअण्पद पर चलेगी। पहले
से आवेदन करने वाले अभ्यर्थी 26 से 29 अक्टूबर, 2025 तक संशोधन कर सकेंगे।
छात्रवृत्ति हेतु 30 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। विभाग ने
पात्र छात्रों से अपील की है कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं।
ये होंगे पात्र
इस
योजना का लाभ उठाने के लिए ग्रैजुएशन में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य
हैं। अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए और पारिवारिक वार्षिक आय
08 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
दी जाने वाली सहायता
चयनित
छात्रों को ट्यूशन फीस, जीवन-यापन व्यय, पुस्तक व शोध कार्य हेतु भत्ता,
विदेश यात्रा किराया और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह
योजना विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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