लखनऊ: 15 सितंबर, 2025 : ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा
विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारत रत्न अभियंता
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर अभियंता दिवस समारोह बड़े
हर्षाेल्लास के साथ आयोजित किया गया। यह आयोजन छात्रों में तकनीकी जागरूकता
एवं अभियंत्रण के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से सम्पन्न हुआ।
इस
अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर जे. बी.
श्रीवास्तव ने कहा कि “अभियंत्रण केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है,
बल्कि यह समाज के सतत विकास और मानवता की प्रगति का आधार है। अभियंताओं को
अपने नवाचार से समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करना चाहिए।”
वहीं
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने अपने संदेश
में कहा कि “अभियंता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भारत की प्रगति और
आत्मनिर्भरता में अभियंताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय
सदैव विद्यार्थियों को उत्कृष्ट तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों से
भी समृद्ध करने के लिए संकल्पित है।”
कार्यक्रम में बोलते हुए निदेशक
डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने कहा कि “इस प्रकार के आयोजन छात्रों की रचनात्मकता
और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। भविष्य के अभियंताओं को केवल तकनीकी
दक्षता ही नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से भी ओतप्रोत होना
चाहिए।”
आज का समारोह विभागाध्यक्ष इंजीनियर कौशलेश कुमार शाह के संयोजन
में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की सफलता में विभाग के शिक्षकगण इंजीनियर
अभिषेक अवस्थी, श्रीमती आस्था एवं श्री सलमान अंसारी का विशेष योगदान रहा।
अभियंता
दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न तकनीकी प्रतियोगिताएँ-मॉडल
प्रेजेंटेशन, पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन, पोस्टर मेकिंग एवं क्विज प्रतियोगिता
आयोजित की गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में
आभार ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और सभी को अभियंता दिवस की
शुभकामनाएँ दी गईं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ