।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
राजस्थान मे पीछले कुछ सालो से इमाम के रिटायर होने पर उन्हें
बस्ती द्वारा सम्मान जनक पैसा देकर रिटायर किया जाने का सिलसीला चल पड़ा है।
कुछ जगह तो मस्जिद कमेटी द्वारा रिटायर के समय आजीवन पेंशन देने की घोषणा
होना भी देखा गया है।जिससे इमाम का बचा जीवन खुशहाल होना देखा जा रहा है।
शेखावाटी के सीकर, लाडनू व अब नागौर के बासनी गावं मे बडी मस्जिद के इमाम
को अच्छा पैसा देकर रिटायर किया हैः
बडी मस्जिद के इमाम हज़रत मौलाना सैयद मोहम्मद अली साहब ने अपनी पूरी
ज़िन्दगी बड़ी मस्जिद बासनी में इमामत, दीन की तालीम, नमाज़ियों की रहनुमाई
और उम्मत की इस्लाही खिदमत में गुज़ार दी। कल जब हज़रत इमाम साहब रिटायर
हुए तो मुक्तदियों ने अपने दिल की मोहब्बत और एहतराम का इज़हार करते हुए
₹31,50,786/- (इकतीस लाख पचास हज़ार सात सौ छियासी रुपए) बतौर नज़राना पेश
किया। यह वाक़ई एक एतिहासिक खिदमत और एतराफ ए खिदमत है जो मिसाल बन गया है।
यह अमल उन सभी मुक्तदियों की क़दरदानी और दीनी जज़्बे की बलंदी का
सबूत है। उनकी यह पेशकश न सिर्फ़ इमाम साहब के लिए तौहफ़ा है बल्कि पूरे
मुस्लिम समाज के लिए एक नसीहत है कि जो उलमा हुफ्फाज और रहनुमा दीन की
ख़िदमत में लगे हैं, उनकी कद्र करना हौसला अफजाई करना हमारी ज़िम्मेदारी
है।
अल्लाह तआला इमाम साहब की खिदमत को अपनी बारगाह में कबूल फरमाए और मुक्तदियों के इस एहतराम और मोहब्बत को भी अज्र ए अज़ीम अता फरमाऐ।


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