लखनऊ पब्लिक स्कूल में रेडक्रॉस सोसाइटी एवं रोटरी क्लब,
लखीमपुर खीरी के संयुक्त-सौजन्य से एक विशेष स्वास्थ्यपरक जागरूकता
कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम फर्स्ट-एड (प्राथमिक उपचार) एवं
हृदयघात जैसी आपातकालीन स्थिति में अपनाई जाने वाली जीवन-रक्षक सी.पी.आर.
तकनीकों की जानकारी पर आधारित था। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आरती
श्रीवास्तव एवं रोटरी क्लब एवं रेडक्रॉस के सदस्यों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम
की शुरुआत में छात्रों को रेडक्रॉस सोसाइटी के उद्देश्य, कार्य और महत्व
एवं फर्स्ट-एड के उपयोग एवं प्रयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
उन्हें यह भी बताया गया कि रेडक्रॉस का लोगो एक संरक्षित प्रतीक है, जिसका
उपयोग केवल अधिकृत सदस्य ही आपातकालीन परिस्थितियों में कर सकते हैं।
इसके
पश्चात श्रीमती आरती श्रीवास्तव ने छात्रों को सी.पी.आर.
(कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सी.पी.आर. एक ऐसी जीवन रक्षक प्रक्रिया है, जिसे तब
उपयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर दे या उसकी
सांस रुक जाए। इस प्रक्रिया में दो मुख्य क्रियाएं होती हैं—छाती पर दबाव
डालना और मुंह से कृत्रिम सांस देना।
उन्होंने समझाया
कि सी.पी.आर. उस समय अत्यधिक प्रभावशाली हो सकता है, जब इसे दिल की धड़कन
रुकने के पहले कुछ मिनटों के भीतर किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि यदि
कोई व्यक्ति सांस नहीं ले रहा हो या असामान्य रूप से सांस ले रहा हो, तो
उसे तुरंत सी.पी.आर. देना आवश्यक होता है।
कार्यक्रम
में छात्रों को यह भी सिखाया गया कि आपातकालीन स्थिति में साधारण कपड़ों और
दो डंडों की सहायता से स्थानीय संसाधनों से स्ट्रेचर कैसे तैयार किया जा
सकता है। साथ ही यह भी बताया गया कि एम्बुलेंस में मरीज को कैसे सुरक्षित
रूप से लिटाया जाए, जैसे कि कौन-सी परिस्थिति में सिर पहले और कब पैर पहले
रखने चाहिए।
कार्यक्रम के समापन पर लखनऊ पब्लिक स्कूल
के प्रधानाचार्य श्री विजय सचदेवा ने विद्यालय परिवार की ओर से रेडक्रॉस
सोसाइटी , रोटरी क्लब, लखीमपुर खीरी के उपस्थिति सदस्यगण एवं श्रीमती आरती
श्रीवास्तव का हार्दिक आभार व्यक्त किया और विद्यार्थियों को जीवन रक्षा से
जुड़ी इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए उनका अभिनंदन किया।
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