सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दलित ऐक्ट की तरह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए क़ानून ज़रूरी है- शाहनवाज़ आलम

 


नयी दिल्ली, 3 अगस्त 2025. मुसलमानों के खिलाफ़ साम्प्रदायिक हिंसा अब संस्थागत रूप ले चुकी है. इसकी जड़ मनुवादी विचारधारा में है. संस्थागत हिंसा को सिर्फ़ क़ानून बनाकर ही नियंत्रित किया जा सकता है. ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 206 वीं कड़ी में कहीं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने 24 मार्च 1947 को संविधान सभा द्वारा मौलिक अधिकारों के लिए गठित उपसमिति को अल्पसंख्यकों और राज्य के अधिकारों पर दिए ज्ञापन में कहा था कि दुर्भाग्य से भारतीय राष्ट्रवाद ने एक ऐसा सिद्धांत विकसित कर लिया है जिसे अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों का शासन करने का दैवीय अधिकार ही कहा जा सकता है. जिसमें सत्ता में हिस्सेदारी की अल्पसंख्यकों की किसी भी मांग को साम्प्रदायिकता घोषित कर दिया जाता है. जबकि सत्ता पर बहुसंख्यकों के एकाधिकार को राष्ट्रवाद कह दिया जाता है. डॉ अम्बेडकर ने कहा था कि ऐसी स्थिति को देखकर ही उन्होंने अनुसूचित वर्गो के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में व्यवस्था की थी.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सत्ता में अल्पसंख्यकों की घटती हिस्सेदारी के कारण ही मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा संस्थागत रूप लेती गयी है. इस हिंसा की जड़ मनुवादी व्यवस्था में निहित है. जिसे सिर्फ़ संवैधानिक व्यवस्था से ही रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार ने जिस तरह अनुसूचित वर्गो के खिलाफ़ मनुवादी हिंसा को रोकने के लिए दलित उत्पीड़न निवारण कानून बनाकर दलित विरोधी हिंसा को रोकने की व्यवस्था की थी वैसी ही संवैधानिक व्यवस्था अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी के लिए होना समय की मांग है. इससे हम हिंसा विहीन लोकतंत्र की तरफ बढ़ सकेंगे. 

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने साम्प्रदायिक हिंसा विरोधी बिल ला कर इस दिशा में कोशिश की थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पायी थी. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह तर्क कि ऐसा क़ानून राज्य और केंद्र के संघीय ढांचे के विरुद्ध होगा क्योंकि क़ानून व्यवस्था राज्य का विषय है, अप्रासंगिक है. क्योंकि सुरक्षित जीवन जीने के अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकार को सिर्फ़ तकनीकी समस्या में उलझाकर नहीं छीना जा सकता. उन्होंने कहा कि दलित विरोधी हिंसा निवारण कानून से जब राज्य और केंद्र के संघीय संबंधों में कोई दिक्कत नहीं उत्पन्न हुई तो अल्पसंख्यकों के लिए ऐसे ही क़ानून से भी कोई दिक्कत उत्पन्न नहीं हो सकती.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...