।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
परम्परागत रुप से फौज व पुलिस की नोकरी के साथ जीवनयापन के
लिये कृषि पर आधारित शेखावाटी जनपद के मुस्लिम समुदाय ने बदलते हालात के
चलते अरब देशो मे मजदूरी करके कमाये धन का उपयोग शिक्षा व व्यापार पर खर्च
नही करने के दुष्प्रभाव अब नजर आने लगे है। जिनको लेकर समुदाय को सोचकर कोई
कार्ययोजना बनाने पर विचार करना चाहिये। ताकि अनैतिक कार्यो मे लगे लोगो
मे से चाहे सही रास्ते पर कम आ पाये लेकिन नये लोग इसमे शामिल नही हो पाये।
सीकर जिले के रानोली थानातंर्गत एक मुस्लिम ढाणी के दो आपसी
मुकदमे के जजमेंट कोर्ट से दो महीने मे अभी आये है। हत्याकांड के मुकदमे मे
सात व रेप के मुकदमे मे दो लोगो को आजीवन कारावास की सजा हुई है। दोनो ही
मुकदमे मे आरोपियों की आर्थिक व सामाजिक स्तर को काफी ठेस पहुंची है। यानि
बढते कदम वापस पीछे आने लगे है। डीडवाना जिले के एक छोटे से गावं के 21 व
23 साल के दो युवक अवैध नशे की सामग्री सप्लाई करते पुलिस द्वारा गिरफ्तार
होते है। वही इसी के लगते गावं के युवक दुबई मे बैठकर अपनी स्थानीय गैंग के
मार्फत पाकिस्तान से अवैध हथियार व नशे का कारोबार करने मे आरोपित हो रहे
है। विदेश मे हवाला कारोबारियों से वहां पैशो की लूट करने का कुछ लोगो ने
धंधा बना रखा है। स्थानीय स्तर पर अनेक तरह के अनैतिक कामो के अलावा नशे व
ब्याजखोरी का धंधे मे भी अनेक लोग लगे हुये बताते है। लड़कियों के सम्बंधित
भी अनेक मामले सुनने मे आते रहते है।
हद तो तब हो जाती है कि समुदाय मे धनबल को ही सबकुछ मानने लगे। धनवान
को इज्जत व सम्मान मिलना व दैना चाहिये। लेकिन अनैतिक रुप से कमाने वाले व
उस तरह के धंधे मे लगे लोगो को इज्जत व सम्मान के साथ मंच मिलने लगे तो ऐसे
कृत्यों मे लिप्त लोगो के पंख ही लगेंगे।
इसी साल दसवीं व बारवी कक्षाओं के अलावा नीट व जैई के आये परिणाम पर नजर
डाले तो काफी बच्चों ने अच्छी सफलता पाकर आसमान जैसी बुलंदी को छुवा है।
खासतौर पर लड़कियों ने तो कामयाबी के झंडे गाढे है। इसके अलावा सरकारी सेवा
मे भी कुछ बच्चे गये है। पर इन कामयाब बच्चों के माता-पिता साधारण आमदनी व
साधारण जीवन जीने वाले है। जो अनैतिक कृत्यों के बजाय जायज रास्ते से आमद
करकें बच्चों पर खर्च कर रहे है। इसमे सीकर शहर स्थित कायम होस्टल व उनके
संचालकों का भी बडा हाथ है। जिन्होंने बच्चों को उचित मार्गदर्शन देते हुये
उनको समय समय पर अच्छे बूरे से अवगत करवाने मे अगुवा रहे।
सरकारी सेवा मे जनपद के नुआ, झाड़ोद, चोलूखां, सुदरासन,
जाबासर सहित अनेक गावों के कुछ परिवार ने बच्चों की शेष्ट तरबियत के साथ
अच्छी तालिम दिलवाकर उच्च सरकारी सेवो मे भी भेजने का सीलसीला जारी रख रखा
है। इसके उलट अधीकांश लोगो का धन शिक्षा व तिजारत मे लगने के बजाय विभिन्न
तरह की फिजुल खर्ची व अजीबोगरीब शौक पूरा मे ही खर्च होता आ रहा है।
कुल मिलाकर यह है कि समुदाय के कुछ लोग नैतिक व अनैतिक एवं
हराम-हलाल के साथ साथ जायज- नाजायज के अंतर को ना समझते हुये केवल
भोतिकता को शेष्ट समझने लगे है। वही केवल धनबल को सामने रखकर लोगो को मंच
समर्पित करने लगे है। जबकि पीढी को संवारने के साथ साथ शिक्षा व व्यापार
करने के साथ साथ नैतिक बल मजबूत करने पर विचार करना चाहिये। बच्चों की
अच्छी तरबियत करने के लिये वालदैन को हमदम चौकस रहना होगा।
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