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अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अधिकारों पर बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य- शाहनवाज़ आलम

 


नई दिल्ली, 13 जून 2025. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर संविधान द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को अनुच्छेद 15 (5) में मिली छूट को खत्म करने की नियत से सरकारी आदेश जारी करने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि फडणवीस सरकार ने 6 मई को अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूलों में आरक्षण लागू करने के लिए सरकारी आदेश जारी किया था. जबकि संविधान के अनुच्छेद 15 (5) में इन संस्थाओं को इससे छूट मिली है. इसी आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार के इस मंशा को झटका देते हुए शासनादेश पर रोक लगा दी है.

शाहनवाज़ आलम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15(5) सरकारी और निजी स्कूलों में सामाजिक आधार पर पिछड़ों और अनुसूचित वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को लागू करने का राज्य को अधिकार तो देता है लेकिन अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को इस दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में यह शासनादेश ही असंवैधानिक था. जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगाकर सरकार के संविधान विरोधी षड्यंत्र को विफल कर दिया है. 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 30(1) अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करने और उनका संचालन करने का अधिकार देता है. लेकिन मोदी सरकार अपने संविधान विरोधी रुख के कारण अनुच्छेद 30 को खत्म करने का षड्यंत्र रचती रही है और इसी कारण भाजपा  शासित राज्यों की सरकारें अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिमों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों को आरक्षण लागू करने से मिली छूट को खत्म करने के लिए ऐसे शासनादेश जारी करते रही हैं. जिसका मकसद भाजपा विरोधी पिछड़ों और दलितों को मुसलमानों के खिलाफ़ खड़ा करके उनकी संगठित राजनैतिक एकता को कमज़ोर करना रहता है.

उन्होंने कहा कि यह आश्चर्च का विषय है कि 2019 में भी महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने ऐसा ही असंवैधानिक  शासनादेश जारी किया था जिसे कोर्ट में चुनौती देने के बाद सरकार ने वापस ले लिया था. 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अल्पसंख्यक दर्जे को भी खत्म करने की कोशिश के तहत संविधान के अनुच्छेद 30 की वैधता को भाजपा और आरएसएस ने चुनौती दी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा भाजपा को झटका लगने के बाद नए सिरे से अनुच्छेद 30 और अनुच्छेद 15 (5) को कमज़ोर करने का षड्यंत्र भाजपा शासित राज्यों में रचा जा रहा है. जिसे कांग्रेस कभी भी सफल नहीं होने देगी. 

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