बीबीसी की रिपोट पर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेकर कुम्भ भगदड़ पर न्यायिक जांच आयोग गठित करना चाहिए- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ,12 जून 2025. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़
आलम ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर आई बीबीसी की रिपोर्ट को
सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेकर योगी सरकार को नोटिस भेजने की मांग की
है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर मृतकों की वास्तविक संख्या छुपाने का आरोप
लगाते हुए उनके इस्तीफ़े की मांग भी की है.
शाहनवाज़
आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि 29 जनवरी को प्रयागराज में हुई
भगदड़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिर्फ़ 37 मौतें होने की बात कही
थी. जबकि आम लोगों ने सैकड़ों की संख्या में लोगों के मरने की बात कही थी.
योगी ने सवाल उठाने वाले विपक्षी नेताओं को सूअर तक कहा था. लेकिन अब
बीबीसी ने 11 राज्यों के 50 से अधिक ज़िलों में सैकड़ों परिवारों से मिलकर
सबूत सहित साबित कर दिया है कि कम से कम 82 लोग भगदड़ में मारे गए थे. इस
लिस्ट में वे मृतक शामिल नहीं हैं जिनके परिवार कोई दस्तावेज़ी सुबूत नहीं
दे पाए. जबकि ऐसे मृतकों की संख्या काफी थी.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि योगी सरकार ने 35 मृतकों के परिजनों को, 25-25 लाख रुपये
दिए. एक की पहचान नहीं हो पायी और एक आरएसएस नेता गोविंदाचार्य के मृतक भाई
को मोदी जी की लोकसभा सीट बनारस की पुलिस ने लावारिस घोषित कर के अंतिम
संस्कार कर दिया था.
उन्होंने
कहा कि बीबीसी की रिपोर्ट का यह खुलासा चौंकाने वाला है कि यूपी पुलिस ने
26 मृतकों के परिजनों जिसमें यूपी के 18, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 2 और
झारखण्ड के 1, शामिल हैं के घर जाकर 5-5 लाख रुपये कैश में दिए और उनसे
काग़ज़ पर यह लिखवाकर साइन करवाया कि उनके परिजनों की मृत्यु अचानक तबियत
ख़राब होने से हुई थी.
शाहनवाज़
आलम ने आरोप लगाया कि जिस तरह यूपी पुलिस ने भगदड़ में हुई मौतों को तबियत
बिगड़ने से हुई मौतें साबित करने और तथ्यों को मिटाने की साज़िश रची वह
घोर अपराध की श्रेणि में आता है. जिसमें शामिल पुलिस अधिकारीयों को तत्काल
निलंबित करके गिरफ्तार किया जाना चाहिए और इसकी जाँच होनी चाहिये कि
उन्होंने किसके कहने पर यह अपराध किया था. वहीं योगी सरकार को यह भी बताना
चाहिए कि इन 26 मृतकों को दिया गया कुल 1 करोड़ 30 लाख रुपया सरकार ने किस
मद से निकाल कर दिया. क्योंकि सरकार के पास ऐसा कोई मद नहीं होता जिससे
भगदड़ में मरे लोगों को अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से मृत बताकर मुआवजा
दिया जाए. इसी तरह बाकी बचे 19 मृतकों के परिजनों को किसी तरह की आर्थिक
मदद न दिए जाने की बात भी बीबीसी की रिपोर्ट में सबूतों सहित आयी है जिसकी
जांच आवश्यक है.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को इस रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए
योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस भेजना चाहिए और बीबीसी की रिपोर्ट की
वास्तविकताओं की जाँच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व
में जाँच आयोग गठित करना चाहिए.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी ने कुम्भ में नहाने आए आस्थावान
हिंदुओं की भगदड़ में हुई मृत्यु के आंकड़ों को छुपाने की जो अमानवीय करतूत
की है उसकी सच्चाई सामने आ जाने के बाद भाजपा को नैतिकता के आधार पर
उन्हें पद से हटा देना चाहिए. वहीं योगी जी को भी समझना चाहिए कि इस घटना
के बाद वो आस्था से जुड़े भगवा वस्त्र को पहनने का नैतिक अधिकार खो चुके
हैं.
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