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बाबूगीरी कर रहे रेडियोलॉजिस्ट, अल्ट्रासाउंड के लिए रामपुर से बाहर भेजे गए मरीज़

 डाइरेक्टर जनरल हेल्थ, प्रमुख सचिव चिकित्सा के आदेशों को हवा में उड़ा कर रेडियोलॉजिस्ट को लगाया प्रशासनिक ड्यूटी पर






 

रामपुर ब्यूरो 

            रामपुर। जनता के स्वास्थ्य के लिए उत्तर प्रदेश शासन का चिकित्सा विभाग हजारों करोड रुपए खर्च कर के कितनी भी योजनाएं बनाएं लेकिन जिले पर तैनात अधिकारी शासन की मंशा को धता बता कर अपने निजी फायदे के लिए किस तरह से मनमर्जी चलाते हैं इसकी मिसाल देखने को मिली रामपुर के जिला चिकित्सालय में जब यहां अटैचमेंट पर बिजनौर से बुलाए गए रेडियोलॉजिस्ट डॉ के0एस0 राणा अपने पिता के देहांत के चलते छुट्टी पर चले गए और उनके अनुपस्थिति में रामपुर जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए दूसरे जिलों को रेफर करना पड़ा। 
 
जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड रूम के बाहर पेपर पर लिखा मैसेज पढ़ कर की डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं, दर्द से कार्रह रहे मरीज़ मजबूर होकर अल्ट्रासाउंड कराने पड़ोसी ज़िले मुरादाबाद गए।  मरीज को तो इस बात की जानकारी थी ही नहीं साथ ही रामपुर जिला अस्पताल में कुछ ही दिन पहले आए सीएमएस डॉक्टर डीके वर्मा तक को यह पता नहीं था कि दरअसल रामपुर जिला चिकित्सा विभाग में विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट डॉ सत्य प्रकाश नौकरी कर तो कर रहे हैं।

इस प्रकरण पर सीएमएस रामपुर डॉक्टर डी के वर्मा से पूछे जाने पर कि अल्ट्रासाउंड के लिए मरीजों को मुरादाबाद रेफर किया गया हैं?, उन्होंने बताया,, रेफर नहीं किया गए हैं क्योंकि हमारे यहां जो रेडियोलॉजिस्ट है उनके पिता जी का 1 तारीख को देहांत हो गया था तो इसलिए उनको घर जाना पड़ा था तो उनकी वजह से केवल जो मेडिको लीगल थे वो हमने सरकारी अस्पताल मुरादाबाद के लिए रेफर किया है। 

डॉक्टर डी के वर्मा (सीएमएस, रामपुर)
 
यह पूछे जाने पर मरीज का कहना है की अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ा है इस पर सीएमएस ने बताया,, वह मरीज है, कह सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है जो दवाई देनी थी मानलिए किसी को दर्द है तो मैंने उन्हें स्वयं देख लिया बाकी सर्जन से दिखवा दिया और वह वहां पर गए होंगे तो उनको वह कमरा बंद मिला हो तो उनको जानकारी नहीं होगी लेकिन हम लोगों ने वहां के स्टाफ से भी बुलावा दिया है कि उनको अभी एक हफ्ते का टाइम और लगेगा।

यह पूछे जाने पर कि आपके यहां एक रेडियोलॉजिस्ट सत्य प्रकाश जी भी है इस पर सीएमएस ने बताया,, सत्य प्रकाश जी के बारे में मुझे जानकारी नहीं है लेकिन वह हमारे यहां पोस्टेड नहीं है हमारे यहां डॉक्टर राणा जी हैं एक ही रेडियोलॉजिस्ट है जो बिजनौर से हमारे यहां अटैचमेंट में है।

रेडियोलॉजी विशषज्ञ डॉ सत्य प्रकाश को अल्ट्रासाउंड ड्यूटी पर न लगाकर प्रशासनिक ड्यूटी पर पीसीपीएनडीटी का नोडल अधिकारी बना दिया गया है। यह सब मनमानी रामपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा तब की गई जब उत्तर प्रदेश शासन की मंशा को स्पष्ट करते हुए डायरेक्टर जनरल हेल्थ व प्रमुख सचिव चिकित्सा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश भर के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आदेश दिए गए थे कि प्रदेश भर में विशेषज्ञ डॉक्टर विशेष कर रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी के चलते जहां-जहां विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं उनको प्रशासनिक ड्यूटी पर न लगाकर तकनीकी सेवा में सीधे फील्ड में तैनात किया जाए जहां वह जनता की सेवा कर सके।
 
लेकिन डायरेक्टर जनरल हेल्थ व प्रमुख सचिव चिकित्सा उत्तर प्रदेश शासन के आदेशों की खुली अवहेलना करते हुए डॉक्टर सत्य प्रकाश को रामपुर में पीसीपीएनडीटी नोडल अधिकारी बनाया गया इतना ही नहीं बिजनौर जिले से डॉक्टर के एस राणा को रामपुर जिला चिकित्सालय में अटैच करा कर डॉ सत्य प्रकाश को पूरी तरह प्रशासनिक कार्य के लिए तैनात कर दिया गया। 
 
यह सब टैब होंरः है जब जिले भर में कुकरमुत्तों की तरह से उग रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों की शिकायतो की भरमार है तथा डॉक्टरों के कागजात लगाकर जारी किए गए अल्ट्रासाउंड सेंटरों  की आड़ में टेक्नीशियन तथा झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जिस तरह मरीजों के जीवन से खिलवाड़ का एक जाल बिछा हुआ है जिसमें दूसरे जिलों से अवैध गर्भनिरोधारण करने की घटनाओं से रामपुर बदनाम हो चुका है।

 

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