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सीज़ फ़ायर कराने के ट्रम्प के दावे पर मोदी जी की चुप्पी शर्मनाक है- शाहनवाज़ आलम

 


नयी दिल्ली, 1 जून 2025.  मोदी सरकार को चाहिए कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर पाकिस्तान के खिलाफ़ हुई सैनी कार्यवाई का पूरा विवरण देश के सामने रखे। यह ठीक नहीं है कि युद्ध में हुए नुकसानों की जानकारी विदेशी मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचे। ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 197 वीं कड़ी में कहीं। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मीडिया के सामने कहा है कि हमारे विमान गिराए गए हैं। वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी 5 रफायल युद्ध विमानों के गिराए जाने की बात मीडिया में कही है। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि सरकार ख़ुद संसद का विशेष सत्र बुलाकर देश को बताए कि कितने रफ़ाएल गिरे हैं और कितने बचे हैं। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से सीखना चाहिए। जिसने कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था और संसद के माध्यम से पूरे कारगिल प्रकरण की रिपोर्ट देश के सामने रखी थी। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार एक ऐसा सैन्य और उन्मादी  माहौल बनाना चाहती है जहां वो युद्ध में हुए नुकसान की रिपोर्टें भी नहीं आने देना चाहती। जबकि वायु सेना प्रमुख एपी सिंह भी मोदी सरकार के ऊपर अगंभीरता बरतने और समय पर युद्ध विमान न दे पाने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि युद्धोन्माद की आड़ में मोदी सरकार को अपने मित्रों के निजी फ़ायदे के लिए वायुसेना के साथ खिलवाड़ करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सैन्य कार्रवाई की शुरुआत पहलगाम की हिंसा के ज़िम्मेदारों से बदला लेने के नाम पर हुई। लेकिन अमरीका दावा कर रहा है कि उसने दोनों देशों के बीच सीज़ फ़ायर करवा दिया जिस पर मोदी सरकार एक बयान तक नहीं दे पायी कि ट्रम्प सच बोल रहे हैं या मोदी जी की तरह झूठ बोल रहे हैं। वैसे ही पाकिस्तान ने अपने आर्मी चीफ़ आसिम मुनीर को युद्ध में बेहतर प्रदर्शन से खुश होकर प्रमोशन देकर फील्ड मार्शल बना दिया। वहीं भाजपा मोदी जी की आर्मी की ड्रेस में फोटो वाले होर्डिंग लगाकर चुनावी माहौल बना रही है। इस तरह यह एक ऐसा प्रकरण बन गया है जैसा 70 साल में कभी नहीं हुआ था। इन सभी सवालों का जवाब मोदी सरकार को देना चाहिए। 


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