सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

धनखड़ जी आरएसएस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर रहे हैं- शाहनवाज़ आलम

 


नयी दिल्ली, 20 अप्रैल 2025. आरएसएस और भाजपा जिस हिंदू राष्ट्र की कल्पना करते हैं उसमें संविधान सबसे बड़ी बाधा है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश पर हमले को उनका निजी हमला नहीं माना जा सकता. ये बाबा साहब अंबेडकर के विज़न पर हमला है. ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 191 वीं कड़ी में कहीं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार अपने राज्यपालों के माध्यम से विपक्ष शासित राज्यों की विधान सभाओं द्वारा पारित अध्यादेशों को रोककर अपनी तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत हस्तक्षेप करके अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाई है. उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान के अनुच्छेद 32 को भी खत्म करना चाहती है जो नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार देता है. 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह नहीं भूला जा सकता कि उपराष्ट्रपति मौलिक ढांचे के सिद्धांत को भी बदलने की वकालत कर चुके हैं जो सरकार को संविधान की प्रस्तावना को बदलने से रोकता है. उन्होंने कहा कि इंदिरा गाँधी सरकार द्वारा 42 वें संविधान संशोधन के बाद संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए समाजवादी और सेकुलर शब्द को हटाने के लिए भाजपा के सांसद दो बार राज्य सभा में प्राइवेट मेम्बर बिल ला चुके है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाल चुके हैं. इसीतरह सरकार की विचारधारा के प्रति झुकाव रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज पंकज मित्तल भी जम्मू कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए प्रस्तावना में सेकुलर शब्द के होने को कलंक बता चुके हैं. यानी खुद केंद्र सरकार और संवैधानिक संस्थाओं में बैठे उसकी विचारधारा से जुड़े लोग ही संविधान को कमज़ोर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं. जिसमें अगर कोई जज बाधा बनता है तो उसे धमकाने की कोशिश उपराष्ट्रपति से लेकर भाजपा के सांसद और नेता कर रहे हैं. 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार के आगे झुकते हुए नहीं दिखना चाहिए. क्योंकि आम लोगों के न्याय का अंतिम सहारा न्यायालय ही है. इसलिए यह न्यायपालिका की परीक्षा का भी समय है.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...