रघुराज सिंह के दावे पर चुनाव आयोग को दलित और पिछड़ा बहुल बूथों पर भाजपा को मिले वोटों की जाँच करानी चाहिए - शाहनवाज़ आलम
लखनऊ, 28 अप्रैल 2025. दलित समाज से आने वाले सपा सांसद
रामजीलाल सुमन के काफ़िले पर करणी सेना के गुंडों द्वारा कायराना हमले के
बाद प्रदेश के दर्जा प्राप्त मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह द्वारा उसे सही
ठहराने को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने योगी सरकार के
सामंती कुंठा का प्रदर्शन बताया है।
शाहनवाज़
आलम ने जारी बयान में कहा कि योगी सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री रघुराज
सिंह का यह कहना कि 'ठाकुरों से पंगा लेना ठीक नहीं होगा। हालत ख़राब हो
जाएगी। जिस गांव में दस ठाकुर हैं वो भी सौ वोट डलवाने की ताक़त रखते हैं'
किसी ज़िम्मेदार व्यक्ति के बजाए सड़क छाप गुंडे की भाषा लगती है। उन्होंने
कहा कि उनके दावे से यह संदेह पुख़्ता हो जाता है कि दलित और पिछड़ा बहुल
बूथों पर उनकी जाति के लोगों ने दलितों और पिछड़ों से जबरन भाजपा के पक्ष
में वोट डलवाया होगा। इसलिए चुनाव आयोग को उनके दावे के बाद दलित और पिछड़ा
बहुल बूथों पर भाजपा के पक्ष में पड़े वोटों की जाँच करानी चाहिए कि
उन्होंने किसके दबाव में भाजपा को वोट दिया था। दावा सही पाए जाने पर ऐसी
सीटों से जीते विधायकों और सांसदों की सदस्यता निलंबित कर देनी चाहिए।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि क्षत्रिय समाज से भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद के साथी
ठाकुर रोशन सिंह जैसे क्रांतिकारी पैदा हुए हैं जिन्हें अंग्रेज़ों ने
अश्फ़ाक़ुल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और राजेंद्र लाहिरी के साथ फांसी की
सज़ा दी थी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद भी बहुत से लेखक, बुद्धिजीवी,
प्रशासक, चंद्रशेखर, वीपी सिंह, अर्जुन सिंह जिसे राजनेता क्षत्रिय समाज से
आए हैं जिन्हें क्षत्रिय युवा अपना जातीय रोल मॉडल मान सकते हैं। क्योंकि
पढ़े लिखे लोग ही समाज के प्रतिनिधि हो सकते हैं।
उन्होंने
कहा कि मुख्य तौर पर किसानी और सेना की भर्ती पर निर्भर क्षत्रिय समाज का
प्रतिनिधित्व करणी सेना जैसे अराजक संगठन नहीं कर सकते जो किसानी के महंगे
होने और अग्निवीर योजना के खिलाफ़ आवाज़ नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि
क्षत्रिय समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे असमाजिक संगठनों के प्रभाव से
अपने बच्चों को बचाना है।
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