रामपुर। अप्रैल माह से आरम्भ हुए नए वित्तीय वर्ष की शुरु
होते ही प्रदेश सरकार चिकित्सा विभाग को चुस्त दुरुस्त करने की कवायद में
जुट गई है। इसी क्रम में बीते एक सप्ताह के अंदर डायरेक्टर जनरल हेल्थ
उत्तर प्रदेश तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश भर
के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा मीटिंग ली
गई है जिसमें स्पष्ट आदेश दिए हैं की चिकित्सा विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों
की बेहद कमी है।
प्रदेश भर में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बेहद कमी है विशेष कर
रेडियोलॉजी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी के चलते जनता को अल्ट्रासाउंड आदि
सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा ऐसे में डायरेक्टर जनरल हेल्थ तथा प्रमुख
सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पृथक पृथक स्पष्ट आदेश दिए कि जहां-जहां
विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं उनको प्रशासनिक ड्यूटी पर न लगाकर सीधे तकनीकी
ड्यूटी पर लगाया जाए विशेषकर रेडियोलॉजी जैसे विभाग में जहां डॉक्टरों की
बेहद कमी है और प्रदेश के कई स्थान पर जनता को परेशानियों का सामना करना
पड़ रहा, ऐसे में रेडियोलॉजी एक्सपर्ट सभी डॉक्टरों को फील्ड ड्यूटी पर
लगाया जाए ना कि प्रशासनिक ड्यूटी पर कार्यालय की कुर्सियों शोभा बढ़ाने के
लिए तैनाती की जाए।
इन सभी आदेशों को हवा में उड़ाते
हुए रामपुर के चिकित्सा विभाग में डॉक्टर सत्य प्रकाश को अल्ट्रासाउंड
नोडल अधिकारी तिब्बत पर तैनाती दी गई है जोकि शासन की मंशा और पॉलिसी का
उपवास उड़ाने जैसा है।
रामपुर में कुकुरमुत्ता की तरह
पनप रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर और उन से अवैध वसूलियों के आरोपों के बीच
आखिर क्या वजह है की एक ऐसे डॉक्टर को जो के रेडियोलोजी स्पेशलिस्ट हैं और
प्रदेश भर में न जाने कितनी जगह डॉक्टर की कमी के चलते जनता को परेशानियों
का सामना करना पड़ रहा है।
खास बात यह है कि प्रमुख सचिव जैसे बड़े पद पर
आसीन शासन के उच्च अधिकारियों के बार-बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आदेश
देने तथा डायरेक्टर जनरल हेल्थ के निर्देशों को हवा में उड़ते हुए रामपुर
में ऐसे डॉक्टरों को प्रशासनिक पद पर लगा रखा है जोकि सवालिया निशान खड़े
कर रहा है।
रामपुर ज़िले ने
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप कार्य न करने
पर जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों की भी ड्यूटी बनती है कि वह
चिकित्सा विभाग के कार्यकलापों पर नजर बनाए और शासन की पॉलिसी को कड़ाई से
लागू कराना सुनिश्चित करें, अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी रामपुर इस
मामले में कब संज्ञान लेगए और चिकित्सा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के इन
केंद्रों पर आवश्यक करवाई के आदेश देंगे।
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