राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विविध प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

 



   लखनऊ: 08 मार्च, 2025     प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में राजभवन में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा नाट्य व भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया। राज्यपाल जी ने विजेता प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया।
        कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि सभी प्रतिभागियों का उत्साह एवं ऊर्जा देखते ही बनता है। उन्होंने न केवल छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने यह बताया कि विश्वविद्यालयों को इस प्रकार की प्रतियोगिताओं को निरंतर आयोजित करने की आवश्यकता है, ताकि युवा समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को यह समझाया कि उनका योगदान विकसित भारत की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है, और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में हमेशा उन्नति के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने इस बात की भी बधाई दी कि युवाओं को विकसित भारत देखना का अवसर मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत को बनाने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है। राज्यपाल जी ने युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में शोध किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसका लाभ समाज को मिलने वाला है।  
        उन्होंने दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि इन समस्याओं का समाधान केवल समाज में जागरूकता फैलाने से ही संभव है। उन्होंने दहेज प्रथा उन्मूलन में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शोध और शिक्षा के महत्व को समझाते हुए युवाओं से अपील की कि वे समाज में बदलाव लाने के लिए अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करें।
        उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा साइकिल यात्रा के माध्यम से अच्छे वक्ता छात्र-छात्राओं को गांव ले जाना चाहिए, जहाँ भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कर समाज को जागरूक करना चाहिए।
        इस अवसर पर राज्यपाल जी ने गुजरात में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के प्रभाव को भी सराहा और बताया कि इससे राज्य में बेटियों के साक्षरता दर और लिंगानुपात में सुधार हुआ है। उनका यह भी कहना था कि विश्वविद्यालयों को ग्रास रूट स्तर पर काम करके समाज के हर वर्ग तक अपनी योजनाओं और संदेशों को पहुंचाना चाहिए।
        राज्यपाल जी ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उनकी 300वीं जयन्ती मनाई जा रही है। रानी अहिल्याबाई होल्कर के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसे सभी को जानने की जरूरत है।
        इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाएं, विश्वविद्यालय की कुलपतिगण, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण तथा छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।

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