लखनऊ: 22 फरवरी , 2025 : उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक के सभागार में
सहकारिता मंत्री श्री जे.पी.एस. राठौर ने आज अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष
के प्रचार-प्रसार और गतिविधियों की निगरानी के लिए एक विशेष वेब पोर्टल का
शुभारंभ किया। यह पोर्टल संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय
सहकारिता वर्ष के तहत सहकारी संगठनों द्वारा कराये जा रहे विभिन्न
कार्यक्रमों को डिजिटल रूप से जनता के समक्ष प्रस्तुत करने और मॉनिटर करने
के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से समय समय पर
विभिन्न कार्यक्रमों में जन भागीदारी भी करायी जा सकेगी। यह पोर्टल सहकारी
गतिविधियों को प्रचारित करने, युवाओं से जुड़ने और सहकारिता आंदोलन की सशक्त
उपस्थिति स्थापित करने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। इसके माध्यम से
सहकारी संगठनों को एक डिजिटल मंच मिलेगा, जिससे वे अपनी पहलों को व्यापक
स्तर पर साझा कर सकेंगे।
इस अवसर पर सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं
निबंधक कार्यालय को ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड करने की प्रक्रिया भी
पूर्ण की गई, जिससे विभागीय कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित
होगी।
कार्यक्रम के दौरान सहकारिता विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा
बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न सहकारी संगठनों की वर्तमान स्थिति और
भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में प्रमुख
सचिव सहकारिता सौरभ बाबू, अयुक्त एवं निबंधक सहकारिता अनिल कुमार सिंह,
प्रबंध निदेशन उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक आर. के. कुलश्रेष्ठ, प्रबंध
निदेशक उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन श्रीकांत गोस्वामी, समस्त संयुक्त
आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक सहकारिता, उपाअयुक्त एवं उपनिबंधक सहकारिता सहित
कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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