लखनऊ। अधिवक्ता सिकंदर यादव पूर्व संयुक्त सचिव अवध बार एसोसिएशन उच्च न्यायालय के नेतृत्व में अधिवक्तो का बड़ा प्रदर्शन। अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय के गेट नं 7 पर भारत सरकार का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
भारत सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 मे संशोधन कर नये कानून लाने को लेकर विरोध प्रदर्शन, भारत सरकार द्वारा नये कानून अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को लेकर अधिवक्ताओं में जबरदस्त विरोध देखा गया। अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 मे धारा 4, धारा 9, धारा 24(ए), धारा 24(बी), धारा 26(ए), धारा 35(ए), धारा 36, धारा 49(ए), धारा 49 ए (1) के प्रस्तावित संशोधन के अलावा ऐसे प्रावधान
प्रस्तावित किये गए है जो अधिवक्ताओ के हितों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहें है और अधिवक्ताओ के संवैधानिक अधिकार, अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है।।
मुख्य रूप से एडवोकेट श्रीकांत यादव, एडवोकेट सुनील कुमार मौर्य एडवोकेट पंकज कुमार रावत आदि सैकड़ो अधिवक्ता साथी सम्मिलित हुए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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