सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पूजा स्थल अधिनियम पर सरकार ने नहीं दिया जवाब, सुप्रीम कोर्ट उसकी मौन को स्वीकृति मान ले- शाहनवाज़ आलम

 


नई दिल्ली, 16 जनवरी 2025. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा पूजा स्थल अधिनियम पर जवाब दाख़िल नहीं करने की निंदा की है.

शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पिछले महीने 12 दिसंबर को सुप्रीम ने इस क़ानून से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ़्ते में अपना पक्ष दाख़िल करने का समय दिया था. तब सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वो सरकार की तरफ से जवाब दाख़िल करेंगे. यह समय सीमा 12 जनवरी को ही खत्म हो गयी लेकिन केंद्र सरकार ने कोई जवाब दाख़िल नहीं किया.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया नोटिस पूजा स्थल अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार को दिया गया 7 वां नोटिस था जिसपर हर बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार ने जवाब दाख़िल नहीं किया. सरकार के इस रवैय्ये से अब सुप्रीम कोर्ट को यह मान लेना चाहिए कि सरकार का जवाब न देना इस क़ानून के प्रति उसकी स्वीकृति है. इसलिए मन्दिर - मस्जिद के विवादों पर स्थाई रोक लगा देना चाहिए जैसा कि इस क़ानून में कहा गया है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साथ विडंबना यह है कि वो तकनीकी तौर पर संसद द्वारा पारित इस क़ानून का विरोधियों सुप्रीम कोर्ट में कर ही नहीं सकती. क्योंकि संसद द्वारा पारित किसी भी क़ानून के पक्ष में खड़ा होना सरकार की ज़िम्मेदारी है. इसीलिए वो अपने विभाजनकारी एजेंडे के तहत अपने ही लोगों से याचिकाएं भी डलवाती है और जजों के एक सांप्रदायिक हिस्से द्वारा उन याचिकाओं को स्वीकार भी करवाती है. सब कुछ एक सोची समझी तय स्क्रिप्ट के अनुसार होता है. जिसमें एक तरफ सर्वोच्च न्यायालय भी सक्रिय दिखने लगती है और वो सरकार को जवाब न देने पर कोई ठोस कार्यवाई भी नहीं करती. ऐसा सुप्रीम कोर्ट के पिछले 3 मुख्य न्यायाधीश करते आ रहे हैं जिसकी अति पिछले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कर दी थी.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के सामने अवसर है कि वो सरकार और जजों के एक हिस्से के बीच बनी इस पटकथा पर विराम लगाएं ताकि लोगों का न्यायपालिका पर भरोसा बना रहे.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।