लखनऊ, 27 नवंबर 2024। विगत दिनों झांसी मेडिकल कॉलेज में
अग्नि कांड से 17 नवनिहालों की जलकर हुई दर्दनाक मृत्यु की हृदय विदारक
घटना के बाद यह आइने की तरह साफ हो गया है कि मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा
मानकों के साथ किस तरह से खिलवाड़ किया गया और वहां किस कदर भ्रष्टाचार
व्याप्त था। उक्त घटना की आज शासन से आई जांच रिपोर्ट से स्पष्ट है कि
प्रदेश सरकार जिस तरह की सिर्फ दिखावटी कार्यवाही कर अपनी छाती पीट रही है
वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व
मंत्री श्री अजय राय ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता इस बात से समझी जा
सकती है कि इस दुखद अग्निकांड के मुख्य आरोपी झांसी मेडिकल कॉलेज के
कार्यवाहक प्राचार्य नरेन्द्र सिंह सेंगर जो कि सत्ता के करीबी हैं उन्हें
सरकार द्वारा बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
श्री राय ने कहा कि
योगी सरकार कार्यवाही के नाम पर सिर्फ दिखावे के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों
को निलम्बित कर अपना पल्ला झाड लेना चाहती है जबकि इतने गंभीर और बड़े
आपराधिक कृत्य के बाद न जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज हुई और न ही अभी तक
किसी दोषी को पकड़ा गया है। छोटे-छोटे अपराधों में घरों पर बुल्डोजर चलवा
देने वाली एवं निर्दाेषों को भी जेल में ठूंसने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार
पता नहीं किस कारण से झांसी अग्निकांड के आरोपियों को बचाने का प्रयास कर
रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने कहा
है कि वह स्वयं घटना स्थल पर गये थे। सरकार इस दुखद घटना की लीपा पोती कर
रही है जबकि घटना के मूल आरोपी वहां के कार्यवाहक प्राचार्य श्री नरेन्द्र
सिंह सेंगर जो कि सत्ता के करीबी हैं, सरकार द्वारा उन्हें बचाने का प्रयास
किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि नरेन्द्र सिंह सेंगर को
तत्काल बर्खास्त किया जाए एवं अविलम्ब उनकी गिरफ्तारी की जाए।
श्री
राय ने कहा कि इतने दर्दनाक हादसे के बाद भी अगर स्वास्थ्य मंत्री जी
आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह बहुत ही शर्मनाक है और हम ऐसे
संवेदनहीन मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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