सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजस्थान उपचुनाव मे शीर्ष जाट नेता सांसद हनुमान बेनीवाल व सांसद विजेंद्र ओला की प्रतिष्ठा दावं पर लगी ।



 

।अशफाक कायमखानी।

जयपुर।
           राजस्थान मे 13-नवम्बर को होने वाले विधानसभा के सात सीटों पर उपचुनाव मे दो सीटो पर दो शीर्ष जाट नेताओं की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। जिनकी चौधराहट खत्म करने मे उनके व अन्य दलो के जाट नेताओं ने ही सामने व पर्दे के पीछे रहकर जी जान से जुटे हुये है। रालोपा नेता सांसद हनुमान बेनीवाल व कांग्रेस नेता सांसद विजेंदर ओला की प्रतिष्ठा उपचुनाव मे दाव मे लग चुकी है।
           सांसद हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने पर रिक्त हुई सीट खींवसर से उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल व विजेंद्र ओला के सांसद बनने से रिक्त हुई सीट झूंझुनू से उनके बेटे अमित ओला चुनाव लड़ रहे है। अमित ओला के पिता सांसद विजेंद्र ओला 2008 से झुंझुनूं से कांग्रेस उम्मीदरवार के तौर पर विधायक बनते आ रहे वही दादा शीशराम ओला भी यहां से विधायक रहे है। 2008 मे डी लिमिटेशन के बाद वजूद मे आई खींवसर सीट से रालोपा उम्मीदरवार कनिका के पति सांसद हनुमान बेनीवाल विधायक जीतते आ रहे है। कनिका के ससूर  रामदेव चोधरी भी दो दफा विधायक रहे है। 2019 मे हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने पर रिक्त हुई सीट पर उनके भाई ने उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे। अबके उपचुनाव मे हनुमान बेनीवाल ने  अपने भाई नारायण बेनीवाल की जगह अपनी पत्नी को उम्मीदरवार बनाया है। हनुमान बेनीवाल 2019 मे एनडीए के घटक के तौर पर समझोता मे सीट लड़कर व 2024 मे इण्डिया गठबंधन का घटक दल बनकर सांसद बने है। जबकि विजेंद्र ओला पहली दफा लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बने है।
            हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी वर्तमान मे भी इंडिया गठबंधन का घटक है एवं 2024 का लोकसभा चुनाव घटक दलो मे समझोता होने तहत नागौर से चुनाव लड़ा था। कुछ महिनो बाद ही समझोता टूट गया। ओर रालोपा-कांग्रेस आमने सामनै लड़ रहे है। चुनाव मे कांग्रेस उम्मीदरवार रतन चौधरी बहुत कमजोर साबित होकर वोट काटू साबित होती नजर आ रही है। मुख्य मुकाबला रालोपा व भाजपा उम्मीदरवारो के मध्य ही होता नजर आ रहा है। कांग्रेस के एक शीर्ष जाट नेता ने समझोते मे अड़गा लगाकर समझोता होने नही दिया। वर्तमान मे कांग्रेस-भाजपा के अनेक जाट नेता बेनीवाल की चौधराहट खत्म करने मे प्रयासरत बताते है। झुंझुनूं उपचुनाव मे भी कमोबेश खींवसर जैसी ही स्थिति है। वहा भी अनेक जाट अन्य नेताओं के साथ मिलकर सांसद ओला की चौधराहट कमजोर करने मे प्रयासरत है। कुछ नेताओं ने अपने मुस्लिम छोटे-बडे नेताओं के आगे करके कांग्रेस उम्मीदरवार से मुस्लिम नाराजगी का माहोल बना रखा है। मुस्लिम मतो का बिखराव कांग्रेस को भारी पड़ता रहा है।
                   कुल मिलाकर यह है कि 2008 से लगातार विधायक बन रहे शीर्ष जाट नेता हनुमान बेनीवाल व विजेंदर ओला की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने मे सबसे अधिक कोशिश अन्य दलो व उनके दल के जाट नेता ही करने मे लगे हुये है। उम्मीदरवार चाहे इनकी पत्नी व बेटा हो लेकिन असल मे यह चुनाव बेनीवाल व ओला की जमी जमाई प्रतिष्ठा को प्रभावित करेगा। इनकी हार जीत इनके आगे के राजनीतिक जीवन पर प्रभाव भी डालेगा।दोनो ही परिवारों की मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्र के बडे जाट राजनीतिक घरानों मे गिनती होती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...