मुस्लिम और दलित वोटों का बिखराव सिर्फ़ कांग्रेस रोक पाती है- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ, 24 नवंबर 2024. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम
बहुल सीटों पर हुए उपचुनावों में मुस्लिम और दलित वोटों का बिखराव साबित
करता है कि इन तबकों का वोट 5 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के
कारण एकजुट था। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के चुनाव न लड़ने की
स्थिति में इन तबकों के वोटर गठबंधन के बाहर के विकल्पों की ओर चले गए जो
चिंता का विषय है।
ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 170 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि कुंदर्की, मीरापुर, खैर और ग़ाज़ियाबाद उपचुनाव के परिणाम
साबित करते हैं कि कांग्रेस के उपचुनाव में नहीं होने के कारण मुस्लिम और
दलित मतदाताओं में गलत संदेश गया। उनका जो वोट राहुल गाँधी के चेहरे पर
लड़े गए लोकसभा चुनावों में एकतरफा इंडिया गठबंधन को पड़ा था वो उपचुनावों
में बिखर गया। इसीलिए कांग्रेस इन मुस्लिम और दलित बहुल सीटों पर अपना दावा
कर रही थी।
शाहनवाज़ आलम
ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की जीत रिसर्च करने वालों के लिए
शोध का विषय होगा कि जिनकी रैलियों में आधी कुर्सियां खाली रह जा रही थीं
वो बहुमत में कैसे आ गए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट चुनाव देश में क्रोनी
पूंजीवाद का पहला खुला प्रयोग था जहाँ मोदी जी के दो लाभार्थी पूंजीपतियों
ने जनमत पर क़ब्ज़ा करके अपने मालिक को बचाया है। इसका तीखा विरोध किया
जाना चाहिए नहीं तो यह प्रयोग लोकतंत्र को खत्म कर देगा।
उन्होंने
कहा कि झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत बिरसा मुंडा की विरासत की जीत है।
जैसे बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों से जल, जंगल, जमीन बचाने की लड़ाई लड़ी थी
वैसे ही इस बार झारखंड की जनता ने अंबानी और अदानी की पार्टी भाजपा को
हराकर उन्होंने अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा की है।
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