सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आरएआईटीबी-एनएफएल सम्मेलन ने उद्योगों में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला

 


लखनऊ, 30 नवंबर, 2024 - आईआईएलएम अकादमी ऑफ हायर लर्निंग, लखनऊ द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और विलफ्रिड लॉरियर यूनिवर्सिटी (डब्लूएलयू), कनाडा के सहयोग से आयोजित ‘‘व्यापार को बदलने में एआई की भूमिका: भविष्य के परिदृश्य को नेविगेट करना (आरएआईटीबी-एनएफएल)’’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अपने समापन समारोह के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 28-30 नवंबर तक चले तीन दिवसीय सम्मेलन में 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 34 शोध-पत्र, आकर्षक तकनीकी सत्र और व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नैतिक, टिकाऊ और अभिनव अनुप्रयोगों पर विचारोत्तेजक चर्चाएँ शामिल थीं।
उद्घाटन समारोह: माहौल तैयार करना
सम्मेलन की शुरुआत 28 नवंबर, 2024 को पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह और आईआईएलएम छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुई। आईआईएलएम लखनऊ में डीन एकेडमिक्स और कॉन्फ्रेंस संरक्षक डॉ. शीतल शर्मा ने कॉन्फ्रेंस के कॉन्सेप्ट नोट का परिचय दिया, जिसमें बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। मुख्य वक्ता प्रो. आलोक कुमार राय (वीसी, लखनऊ विश्वविद्यालय), डॉ. अकबर सईद (एसोसिएट प्रोफेसर, विलफ्रिड लॉरियर यूनिवर्सिटी, कनाडा) और डॉ. विभूति गुप्ता (प्रोफेसर और एसोसिएट डीन, आईआईएलएम लखनऊ) ने एल्गोरिथम पूर्वाग्रह, नैतिक एआई प्रथाओं और एआई-संवर्धित नेतृत्व जैसे विषयों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम ने उद्योगों में एआई की चुनौतियों और अवसरों पर सार्थक चर्चाओं के लिए मंच तैयार किया।
प्रथम दिवस:
पहले दिन तकनीकी सत्र-1 हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रो. मनीषा सेठ (जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ) ने की और डॉ. विभूति गुप्ता (आईआईएलएम लखनऊ) ने संचालन किया। चर्चाएँ नैतिक और गोपनीयता चुनौतियों का समाधान करते हुए दक्षता बढ़ाने और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की एआई की क्षमता पर केंद्रित थीं।
द्वितीय दिवस:
द्वितीय दिवस में तीन तकनीकी सत्र शामिल थे:
ऽ तकनीकी सत्र-2, जिसकी अध्यक्षता प्रो. शैलेश कौशल (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने की और प्रो. सुचिता विश्वकर्मा (आईआईएलएम लखनऊ) ने इसका संचालन किया, ने नैतिक एआई और संधारणीय प्रथाओं पर जोर दिया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, एनएसबी अकादमी और आईआईएलएम लखनऊ के प्रस्तुतियों में पूर्वाग्रह शमन, संधारणीय वित्त और आपूर्ति श्रृंखला संधारणीयता में एआई की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
ऽ तकनीकी सत्र-3, जिसकी अध्यक्षता डॉ. पवनेश कुमार (इग्नू) ने की और डॉ. शीतल शर्मा (आईआईएलएम लखनऊ) ने इसका संचालन किया, ने परिवर्तनकारी व्यवसाय मॉडल और ग्राहक संपर्क पर चर्चा की। डी.एन. कॉलेज और साॅयल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के योगदानों ने निर्णय लेने, साइबर सुरक्षा और व्यवसाय मॉडल को बढ़ाने में एआई की क्षमता पर प्रकाश डाला। ऽ तकनीकी सत्र-4, जिसकी अध्यक्षता प्रो. इतिराम रजा खान (जामिया हमदर्द) ने की और श्री तौसीफ इरफान (आईआईएलएम लखनऊ) ने इसका संचालन किया, ने एआई के साथ व्यावसायिक संचालन को सुरक्षित करने की जांच की, जिसमें एआई-संचालित खतरे का पता लगाने, इन्वेंट्री प्रबंधन और परिचालन दक्षता पर ध्यान केंद्रित किया गया। भाग लेने वाले संस्थानों में आईआईएलएम लखनऊ और लखनऊ विश्वविद्यालय शामिल थे।
तृतीय दिवस:
तृतीय दिवस में तकनीकी सत्र-5 की विशेषता थी, जिसकी अध्यक्षता प्रो. समृति महाजन (लिंग्या विद्यापीठ) ने की और डॉ. फवाद खान (आईआईएलएम लखनऊ) ने इसका संचालन किया, और इसमें स्वास्थ्य सेवा, ब्रांडिंग और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाया गया। अन्य के अलावा, यूपीईएस और जामिया हमदर्द जैसे संस्थानों ने ब्रांडिंग रणनीतियों, पत्रकारिता और रोबोटिक्स में कर्मचारी धारणाओं में एआई की भूमिका पर अभिनव शोध प्रस्तुत किया।
मुख्य अतिथि, प्रो. अरुणाभा मुखोपाध्याय (प्रोफेसर, आईआईएम लखनऊ) ने व्यवसाय परिवर्तन को आगे बढ़ाने और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की। मुख्य वक्ता प्रो. आयशा फारूक (एएमयू) ने उद्योगों में सार्थक और समावेशी प्रभाव पैदा करने के लिए एआई के जिम्मेदार उपयोग के महत्त्व पर जोर दिया।

 
प्रो. विभूति गुप्ता, सम्मेलन अध्यक्ष ने तीन दिनों में शोध पर प्रकाश डालते हुए और चर्चाओं का सारांश प्रस्तुत करते हुए सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार और आभार प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन प्रो. तौसीफ इरफान (आईआईएलएम लखनऊ) के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने सम्मेलन को सफल बनाने में आयोजन समिति और प्रतिभागियों के प्रयासों को स्वीकार किया।
कुल परिणाम
आरएआईटीबी-एनएफएल सम्मेलन अंतःविषय संवाद के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो एआई द्वारा उत्पन्न चुनौतियों और अवसरों का समाधान करने के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। तीन दिनों में, सम्मेलन ने सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को जोड़ा, जिससे एआई का जिम्मेदारी से और समावेशी रूप से लाभ उठाने के लिए कार्रवाई योग्य रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त हुआ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...