सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पीएम से मुलाक़ात पर चंद्रचूड़ की दलील गुमराह करने वाली - शाहनवाज़ आलम

 


लखनऊ, 29 अक्टूबर 2024. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और बिहार सह प्रभारी शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री से अपनी निजी मुलाक़ातों को जायज़ ठहराने के लिए बहुत कमज़ोर दलील दिया है। इससे सरकार के साथ उनकी मिलीभगत पर उठ रहे संदेह सच साबित हो जाते हैं। उनका आचरण महाभियोग के लिए भी उचित आधार बनाता है। 

गौरतलब है कि पीएम मोदी से निजी मुलाक़ातों पर उठ रहे सवालों और बाबरी मस्जिद केस के फैसले पर उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रमुख से उनका मिलना इसलिए ज़रूरी होता है कि न्यायपालिका का बजट सरकार देती है। कुछ दिनों पहले उन्होंने यह भी स्वीकार किया था कि बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मुकदमे में उन्होंने तथ्यों के बजाए आस्था के आधार पर फैसला दिया था। 

शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा  कि पूरा देश जानता है कि सरकार ही न्यायपालिका को बजट देती है और इसके लिए कभी भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सरकार के प्रमुख से मिलने की ज़रूरत नहीं होती है। यह काम पत्राचार पर आधारित होता है। इसलिए चंद्रचूड़ का यह कहना कि सरकार के प्रमुख से मिलना बजट पाने की प्रक्रिया का हिस्सा है देश को गुमराह करने की बेशर्म कोशिश है। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि देश डी वाई चंद्रचूड़ को इतिहास के सबसे सत्ता लोलुप मुख्य न्यायाधीश के बतौर याद रखेगा जिसने राजनीतिक पद पाने के लिए सरकार के पक्ष में फैसले दिए थे और अपने इन गलत फैसलों के लिए भगवान को ही ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की थी। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद राम जन्म भूमि विवाद के इतिहास को देखा जाए तो तथ्य के बजाए आस्था के आधार पर फैसला सुनाने की आत्म स्वीकृति के बाद चंद्रचूड़ जी को मोदी सरकार कोई बड़ा पद दे दे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हो सकता है कि भाजपा उन्हें महाराष्ट्र में मुख्य मंत्री के चेहरे के बतौर भी पेश करे। उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर 1949 को बाबरी मस्जिद में मूर्ति रखने में मदद करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट गुरु दत्त सिंह को जनसंघ ने रिटायरमेंट के बाद फैज़ाबाद का जिला अध्यक्ष बना दिया था। वहीं जिला मजिस्ट्रेट के के नैयर नौकरी से इस्तीफे के बाद जनसंघ से सांसद हो गए थे। इसी तरह 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस में मदद करने वाले फ़ैज़ाबाद के तत्कालीन एसएसपी डीबी राय को भाजपा ने सुल्तानपुर से लोकसभा भेजा। ऐसे में अगर आरएसएस के संविधान विरोधी एजेंडे के पक्ष में फैसला देने के इनाम के बतौर डी वाई चंद्रचूड़ को भाजपा महाराष्ट्र की राजनीति में लौंच करती है तो इसपर आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...