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चपरासी की DM को चिठ्ठी। ..... साहब! घूस में हिस्सेदारी बढ़वाइए...
जौनपुर: यूपी के जौनपुर में भ्रष्टाचार का अजीबोगरीब
मामला सामने आया है। जिले की शाहगंज तहसील में प्राइवेट कर्मचारी के तौर पर
काम करने वाले एक व्यक्ति ने रिश्वत में हिस्सा कम मिलने की लिखित शिकायत
जौनपुर डीएम से कर दी। बीते गुरूवार को लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो
चर्चा का विषय बन गया। प्रशासन की किरकिरी होने लगी तो एसडीएम ने जांच शुरू
कर दी।
शाहगंज तहसील स्थित नायब तहसीलदार का कार्यकाल अचानक उस
वक्त सुर्खियों में आ गया जब इंटरनेट पर एक पत्र वायरल होने लगा। इस पत्र
में शिकायतकर्ता ने गुहार लगाते हुए दावा किया है कि वो नायब तहसीलदार के
कार्यालय में प्राइवेट कर्मचारी है। सुबह से शाम तक जो लोग कार्यालय में
आते हैं उन सभी से घूस ली जाती है।
नायब तहसीलदार कार्यालय में सारे घूस के पैसे उसके द्वारा ही वसूले जाते
हैं। उसके साथ दो और प्राइवेट कर्मचारी भी काम करते हैं। वे भी इसमें शामिल
रहते हैं। दिन भर वसूले गए नायब साहब तक पहुंचा दिया जाता है। इसके बाद
दिन भर की रिश्वत का बंटवारा होता है।
'तहसीलदार साहब खेला शुरू कर देते हैं'
बंटवारे के समय
ही नायब तहसीलदार साहब खेला शुरू कर देते हैं। वसूली गयी रकम का पूरा
हिस्सा वे रख लेते हैं। उसमे से सिर्फ 500-500 रूपये इन तीनों को देकर टरका
देते हैं। दिनभर की गई मेहनत का इतना हिस्सा बहुत ही कम है। इससे आजिज़ आकर
प्राइवेट कर्मचारी ने जिलाधिकारी जौनपुर को एक शिकायती पत्र भेज दिया।
'500 रूपये में गुजारा नहीं चलने वाला'
इस पत्र के
माध्यम से अनुरोध किया है कि उसे कम से कम एक हजार रूपये प्रतिदिन दिलवाया
जाए। 500 रूपये में गुजारा नहीं चलने वाला। ये लेटर जब आलाधिकारियों तक
पहुंचा तो सभी सकते में आ गए। डीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए
एसडीएम शाहगंज को जांच के लिए भेज दिया। इसके बाद एसडीएम ने नायब तहसीलदार
से इस मामले में आख्या मांगी है।
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