मोदी जी के बयान पर डीवाई चंद्रचूड़ जी की चुप्पी से गलत संदेश जा रहा है- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ, 18 सितंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव
शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य न्यायाधीश
के घर निजी धार्मिक आयोजन में जाने पर उठाये जा रहे सवालों को राजनीतिक
मुद्दा बनाकर साबित कर दिया है कि दोनों के बीच मुलाक़ात एक राजनीतिक
मुलाक़ात थी. ऐसे में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को ख़ुद प्रधानमंत्री
के इस बयान पर अपना पक्ष रखना चाहिये ताकि लोगों का न्यायपालिका की
निष्पक्षता में भरोसा फिर बहाल हो सके.
गौरतलब
है कि कल उडीसा की एक सभा में प्रधानमंत्री ने उनके मुख्य न्यायाधीश के घर
निजी धार्मिक आयोजन में शामिल होने पर उठ रहे सवालों पर कहा था कि
कांग्रेस को गणेश उत्सव से दिक़्क़त है.
शाहनवाज़
आलम ने जारी बयान में कहा कि देश को उम्मीद थी कि शक्तियों के पृथकीकरण के
सिद्धांत को तोड़ने पर हो रही आलोचना से शायद प्रधानमंत्री शर्मिंदा होंगे
और इसके लिए देश से माफी मांगेंगे. लेकिन उन्होंने उल्टे इसे जायज़ ठहराने
की बेशर्म कोशिश की है. इससे जनता में यह संदेश गया है कि मौजूदा सरकार
न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायीका की शक्तियों के पृथकीकरण के सिद्धांत
पर यकीन नहीं रखती और सभी शक्तियों को नियंत्रित करने की मंशा रखती है.
उन्होंने
कहा कि चूंकि मुख्य न्यायाधीश निजी व्यक्ति नहीं होता इसलिए उसके ऑफिस के
अलावा उसके घर पर भी सेक्रेटेरियेट होता है जिसके तहत वो घर पर भी सुनवाई
कर सकता है. इसलिए प्रधानमन्त्री का उनके घर निजी आयोजन में आने और
प्रधानमंत्री द्वारा इसके वीडियो और फोटो सार्वजनिक करने पर मुख्य
न्यायाधीश की चुप्पी से गलत संदेश गया है. इसलिए ख़ुद डीवाई चंद्रचूड़ जी
को स्पष्टिकरण देना चाहिए कि क्या वो प्रधानमंत्री के कृत्य से सहमत हैं?
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