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राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नवनिर्मित भवन एवं दो द्वारों का किया लोकार्पण

 



     लखनऊ: 02 सितम्बर, 2024    उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति,  आनंदीबेन पटेल ने आज जानकीपुरम स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नव निर्मित भवन का लोकार्पण एवं उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित दो द्वारों का भी उद्घाटन किया।
         इस अवसर पर राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के शैक्षिक विकास की सराहना करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान से एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
         राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में भारत को 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि देश को विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में हम तेजी से अग्रसर हैं। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए इस वर्ष के बजट में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। शिक्षा हेतु 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिए 19,025 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
         उन्होंने आगे कहा कि ऐसे विद्यार्थी जो किसी सरकारी योजना के पात्र नहीं हैं, उनके लिए प्रतिवर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तक के ऋण की ब्याज में छूट का प्रावधान किया गया है। अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष कंपनियों में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही, मॉडल कौशल ऋण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 25 हजार विद्यार्थियों को 7.5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। राज्यपाल जी ने बताया कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.) के तीन नए केंद्र स्थापित करने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
          राज्यपाल जी ने यह भी बताया कि बजट में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम ऊषा) के लिए 1,814.94 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लिए 1,558 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिए पहली बार 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो छात्रों को डिजिटल शिक्षा सामग्री तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। साथ ही, विश्वविद्यालयों और संस्थानों की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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