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भाजपा के दिग्गज नेता सांसद घनश्याम तिवाड़ी का राजनीतिक वर्चस्व सीकर मे फिर से बढने लगा।

 


    ।अशफाक कायमखानी।

सीकर।
             सीकर की पावन धरती के बेटे व चौमूं-सांगानेर के अलावा शुरुआत मे सीकर विधानसभा से दो दफा भाजपा से विधायक बनकर पहले प्रदेश व अब राष्ट्रीय राजनीति के दिग्गज राजनेता घनश्याम तिवाड़ी का सीकर की राजनीति मे फिर से वर्चस्व बढता नजर आने लगा है।
          वर्तमान मे राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी 1980 व 1985 मे सीकर से विधायक बने। फिर 1990 मे सीकर से चुनाव हारने पर फिर उन्होंने चौमू व उसके बाद सांगानेर विधानसभा का रुख करके चुनाव जीते व हारे भी। लेकिन उनकी राजनीतिक समझ व उनकी सक्रियता के चलते वो हमेशा से चर्चा मे रहे। उन्होंने अपना राजनीतिक दल भी बनाया तो कुछ समय वो कांग्रेस मे भी रहे। लेकिन वो जल्द भाजपा मे फिर से लोट आये। लोटने पर भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य भी बना दिया।
           सांसद तिवाड़ी के राजनीतिक वारिस के तौर पर अब उनके पूत्र आशिश तिवारी ने भी राजनीति मे पैर जमाना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव के समय सीकर विधानसभा से आशिश तिवाड़ी का सीकर से भाजपा उम्मीदवार बनने के लिये नाम भी चर्चा मे काफी रहा था। राष्ट्र के बडे मंदिरों व गद्दी मे से एक रेवासा धाम के मुख्य ट्रस्टी भी आशिश तिवाड़ी बने है। ट्रस्टी के तूरंत बाद सीकर जिला क्रिकेट एशोसिएशन के आशिश तिवाड़ी कोषाध्यक्ष बनाये गये है। 
                 कुल मिलाकर यह है कि सीकर की राजनीति के मामले मे सांसद घनश्याम तिवाड़ी के साथ साथ अब उनके पूत्र आशिश तिवाड़ी की सक्रियता भी बढती नजर आने लगी है। तिवाड़ी के राज्यसभा सदस्य के तौर पर मिलने वाले निधि विकास कोटे का उपयोग सीकर विधानसभा मे भी खर्च किया जाने लगा है। सीकर की राजनीति मे सांसद घनश्याम तिवाड़ी का वर्चस्व बढता अब साफ नजर आने लगा है। अनेक लोग उनके पूत्र से सीधे सम्पर्क मे आने लगे है।

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