आकाश विजयवर्गीय मामले में सुप्रीम कोर्ट दुबारा सुनवाई करवाये- शाहनवाज़ आलम
नई दिल्ली, 11 सितंबर 2024. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे
पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय को इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बैट से
पीटने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दोषमुक्त कर दिए जाने को न्याय
व्यवस्था का मजाक बताया है.
गौरतलब
है कि 2019 में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और तत्कालीन विधायक आकाश
विजयवर्गीय का इंदौर नगर निगम के जोनल ऑफ़िसर धीरेंद्र बायस को क्रिकेट के
बल्ले से बुरी तरह पीटने का वीडियो पूरे देश भर में वायरल हुआ था. जिसपर
प्रधानमंत्री तक ने नाराज़गी जताई थी जिसके बाद आकाश विजयवर्गीय और उसके
पिता कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी. इस मुद्दे पर
भाजपा इतनी घिर गयी थी कि आकाश विजयवर्गीय का टिकट भी अगले विधानसभा चुनाव
में उसे काटना पड़ा था. इस मामले में कार्यवाई करते हुए मध्य प्रदेश की
कमलनाथ सरकार ने आकाश विजयवर्गीय और उसके साथियों को जेल भी भेजा था.
शाहनवाज़
आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जब किसी की गुंडागर्दी का वीडियो
पूरा देश देख चुका हो और प्रधानमन्त्री तक उसपर टिप्पणी कर चुके हों, दोषी
और उसके पिता तक उस व्यवहार पर खेद व्यक्त कर चुके हों तब कोई अदालत ऐसे
अपराधी को तथ्यों के आधार पर दोष मुक्त कैसे घोषित कर सकती है? क्या
एमपी-एमएलए कोर्ट को यह नहीं पता कि आरोपी और उसके पिता इतने ताक़तवर हैं
कि उनके दबाव में कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने बयान से पलट सकता है?
उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय से ऐसे ही फैसले आने लगें तो कोई भी ताक़तवर
आदमी किसी अपराध में जेल ही नहीं जाएगा क्योंकि उसके डर से कोई पीड़ित
गवाही नहीं देगा या फिर बयान से मुकर जायेगा.
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय इस मुद्दे पर हमेशा कहते रहे थे कि उन्हें
न्यायालय पर पूरा 'भरोसा' है जिसका मतलब लोग आज समझ पाए हैं. उन्होंने कहा
कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले को संज्ञान में लेकर दुबारा सुनवाई करानी
चाहिए क्योंकि ऐसे मामलों में आरोपी से ज़्यादा न्याय व्यवस्था की
विश्वसनीयता कटघरे में खड़ी होती है.
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