उपचुनाव तक ही मोहलत मिली थी योगी जी को, इसके बाद जाना तय : शाहनवाज़ आलम
लखनऊ, 14 अगस्त 2024. अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने योगी सरकार के उपचुनाव वाले ज़िलों में मुस्लिम और यादव अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग पर न रखने के निर्णय को समाज को बाँटने के बाद प्रशासनिक कर्मचारियों को भी जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश बताया है. उन्होंने कहा कि योगी जी भूल जाते हैं कि वो सरकार चला रहे हैं, गिरोह नहीं.
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने योगी जी को हटाने का मन बना लिया था लेकिन योगी जी के गिड़गिड़ाने के बाद उपचुनाव तक उन्हें मोहलत मिला है. उपचुनाव में हारते ही उनका हटना तय है. उपचुनावों में हार पक्की देखकर उनका संतुलन बिगड़ गया है. उन्होंने कहा कि योगी जी को समझना चाहिए कि लोकसभा चुनाव में उनको जाति और धर्म विशेष के अधिकारियों ने नहीं बल्कि उनकी जन विरोधी नीतियों के कारण सभी वर्गों मिलजुलकर हराया था. क्योंकि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम और दूसरे कमज़ोर तबकों के नाम बड़े पैमाने पर मतदाता सूचियों से गायब कर दिये गये थे और इन दोनों वर्गों के अधिकारियों को भी अहम चुनावी ज़िम्मेदारियों से अलग रखा गया था.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के संगठनों को भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध करना चाहिए. वहीं हाई कोर्ट को भी इस विभाजनकारी फैसले पर स्वतः संज्ञान लेकर अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए. ऐसा कैसे हो सकता है कि एक व्यक्ति की सनक को सामाजिक बंटवारे की खुली छूट न्यायपालिका दे दे. उन्होंने कहा कि जब सेना में जाति और धर्म के प्रति द्वेष रखने वालों को अनफिट घोषित करके नौकरी से निकाल दिया जाता है तो फिर ऐसे व्यक्तियों को मुख्यमन्त्री जैसे ओहदे पर कोई पार्टी कैसे रख सकती है.
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