हर गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को जल्द से जल्द करें लागू हो : मुख्यमंत्री
लखनऊ, 12 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जल जीवन मिशन से
संबधित महत्वपूर्ण बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा
निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश के सभी गांवों में शुद्ध
पेयजल देने की व्यवस्था को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन
बिछाने के साथ ही उसके संचालन और मेंटेनेंस को लेकर भी समुचित व्यवस्था
होनी चाहिए। जल जीवन मिशन में हर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के कार्य में
प्लबंर की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इनकी समुचित
ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
◆ मुख्यमंत्री ने
कहा कि जल जीवन मिशन में उपयोग की जा रही सामग्री उच्च क्वालिटी के हो, इस
बात को सुनिश्चित किया जाए। पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से अच्छी हो।
साथ ही टोंटी चोरी होने और खराब होने पर तत्काल नई टोंटी की व्यवस्था कराई
जाए। अधिकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में 2 करोड़
63 लाख से अधिक हाउसहोल्ड के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है,
जिसमें 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए लागत आ रही है। वहीं प्रतिवर्ष इसके
संचालन और मेंटेनेंस में करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
◆
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के लिए शुद्ध पेयजल अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीण जनता को शुद्ध पेयजल मिलने से उन्हें विभिन्न बीमारियों से निजात
मिलेगी, जिससे हमारे गांव स्वस्थ होंगे। उन्होंने कहा कि ये योजना एक
प्रकार से वॉटर थैरेपी की तरह है, जिससे पाचन संबंधित बीमारियां, यूरीन
संबंधित बीमारियां, पीलिया, किडनी की पथरी और किडनी फेल होने जैसी
बीमारियों से काफी हद तक निजात मिलेगी।
◆ मुख्यमंत्री ने कहा कि जल
जीवन मिशन के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को
जागरूक करना होगा। इसके लिए ग्राम प्रधान के साथ मिलकर तैयार कार्ययोजना
तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों तक इस बात
को पहुंचाया जाना चाहिए कि यह उनके मोबाइल के मासिक खर्च से भी कम में
उन्हें दिया जा रहा है। इसके लिए पंचायत सहायक और बीसी सखियों को भी लगाया
जाए। उन्होंने इस बात के लिए विशेष तौर पर निर्देशित किया कि पाइपलाइन
बिछाने के लिए खोदी गई सड़क को समय पर ठीक कराएं।
◆ मुख्यमंत्री ने
प्रदेश के गांवों को स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अधिकारियों को
निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गांव को हमें आत्मनिर्भर
बनाना होगा। गांव के ऐसे तालाब जो किसी मंदिर से न जुड़े हों उनमें मत्स्य
पालन की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। इसके अलावा ग्राम हाट और पक्की
दुकानें बनाकर उनसे आय अर्जित की जा सकती है। इसके लिए अधिकारी, स्थानीय जन
प्रतिनिधि के साथ मंत्रीगण भी गांवों में जाएं और प्रधान व ग्रामीणों से
विस्तृत चर्चा करें।
◆ मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ग्राम सचिवालय
का मॉडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। यह गांव की समस्याओं के समाधान का
माध्यम बना है। जिन कार्यों के लिए पहले तहसील जाना होता था, अब ग्रामीणों
को वह सुविधा गांव में ही मिल रही है। उन्होंने कहा कि गांवों के बीच
आत्मनिर्भर होने को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए सरकार
के स्तर से उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। गांवों को अपने स्रोतों से
प्राप्त होने वाली आय के बराबर धन सरकार की ओर से दिया जाना चाहिए।
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