लखनऊ, 12 अगस्त 2024. अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते उत्तर प्रदेश महिला हिंसा के मामले में पूरे देश में पहले नंबर पर पहुँच गया है. इसलिए यहां अधिकारीयों को सुधारने के बजाए मुख्यमंत्री को हटाने से ही महिलाएं सुरक्षित रह पाएंगी.
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जून 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक महिला विरोधी अपराध की कुल 12,600 शिकायतें मिली हैं. जिनमें सबसे अधिक 6,470 मामले उत्तर प्रदेश से हैं. दूसरे नम्बर पर दिल्ली है जहाँ से 1,113 और तीसरे पर महाराष्ट्र है जहाँ से 762 शिकायतें आई हैं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि योगी जी ने महिला विरोधी हिंसा के मामले में यूपी को दूसरे राज्यों से इतनी बढ़त दिला दी है कि अगले कई सालों तक योगी जी को कोई टक्कर नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि महिला विरोधी हिंसा में शामिल तत्वों का योगी जी के शासन में हौसला बुलन्द चल रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि योगी जी के सबसे क़रीबी लोगों में साक्षी महाराज और उन्नाव रेप कांड का अभियुक्त कुलदीप सिंह सेंगर हैं. वहीं अधिकारियों में भी इससे संदेश जाता है कि महिला विरोधी तत्वों के खिलाफ़ सख़्ती नहीं दिखानी है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अधिकारीयों को नसीहत देने के बजाए मुख्यमंत्री जी को महिला विरोधी हिंसा में शामिल लोगों से नजदीकी खत्म कर लेनी चाहिए इससे अधिकारियों में अपने आप सुधार आ जाएगा.
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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