राजस्थान मे पहले अकील अहमद ने फिर अब शाह ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली।अशफाक कायमखानी।जयपुर।राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों मे मुस्लिम समुदाय की भागीदारी ऊंट के मुहं मे जीरे समान पहले से है। फिर भी उपर से कभी कभी मुस्लिम RAS अधिकारी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे है। जबकि कभी कभार नये तौर पर एक दो मुस्लिम अधिकारी सलेक्ट हो कर आते नजर आते है। यानि पहले से टोटा उपर से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति।राजस्थान प्रशासनिक सेवा के कर्तव्यनिष्ठ ओर ड्यूटी को ड्यूटी समझकर ईमानदाराना तौर पर सेवा करने वाले राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सैयद मुकर्रम शाह RAS ने आज अठाईस साल की सरकारी सेवा करके सेवानिवृत्ति समय से करीब पांच साल पहले स्वेच्छिक सेवानिवृत्त होकर जनहित के कामो मे बचा हुवा जीवन इंशाअल्लाह गुजारेंगे। मुलरुप से राजस्थान के टोंक शहर से बाबस्ता सैयद मुकर्रम शाह अब जयपुर शहर मे आबाद है। सैयद मुकर्रम शाह की राजस्थान मे अच्छे व भले अफसरों मे गिनती होती थी। जिन्होंने विभिन्न पदो पर रहते सेवा दी है। वर्तमान मे शाह राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव पद पर कार्यरत थे।शाह ने उपखण्ड अधिकारी रहते कुरान ए पाक हिफ्ज़ किया था। एवं उसके बाद से रमजान माह मे वो तारावीह की नमाज भी अदा करवाते आ रहे है। शाह के पहले राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अकील अहमद ने भी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। अकील अहमद भी कर्तव्यनिष्ठ व ड्यूटी को ड्यूटी समझकर ईमानदारान सेवा करने वाले अधिकारी थे। जिन्होंने कम उम्र मे अपनी पेठ जमा ली थी।कुल मिलाकर यह है कि मुस्लिम समुदाय के बच्चों का प्रशासनिक सेवाओं मे आने का सीलसीला ना के बराबर है। पिछले कुछ सालो से चिकित्सक व इंजीनियर बनने का चलन तो परवान चढा है। लेकिन अन्य महत्वपूर्ण मुकाबलाती परीक्षाएं देने का का ग्राफ निचे आते जा रहा है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हाफिज सैयद मुकर्रम शाह को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद बचे जीवन मे अधिक अच्छा करने की शुभकामनाएं। इंशाअल्लाह वो पहले से अधिक अच्छे तरीकों से जनहित के लिए काम करेगे।
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