राजस्थान के मुस्लिम समुदाय के सिनीयर एडवोकेट एजाजुन नबी खान नही रहे।
।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
राजस्थान के सिनीयर एडवोकेट एजाजुन नबी खान (85) आज जयपुर मे
दुनियावी जिंदगी को अलविदा कह गये। पहले झूंझुनू फिर जयपुर स्थित राजस्थान
हाईकोर्ट मे प्रेक्टिस करने वाले क्रिमिनल साईड के राज्य भर के अच्छे चंद
अधिवक्ताओ मे एजाजुन नबी खान की गिनती हुवा करती थी। इनके इंतेकाल की खबर
से राज्य भर मे शोक की लहर छा गई।
एडवोकेट एजाजुन नबी खान ने वकालत की पढाई अलिगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी से
करके झूंझुनू आकर वकालत शुरू की। वकालत मे उन्होंने अच्छा नाम कमाया। अलिगढ
मुस्लिम युनिवर्सिटी की छात्र राजनीति मे राजस्थान के पहले शख्स एजाजुन
नबी खान थे जो छात्र संगठन मे ओहदेदार बने। 1962 मे अलिगढ मुस्लिम
यूनिवर्सिटी छात्र संगठन चुनाव मे एजाजुन नबी खान निर्विरोध उपाध्यक्ष
निर्वाचित हो कर राजस्थानी छात्रो के लिए द्वार खोले। एजाजुन नबी खान के
बाद 1972 मे टोंक के जावेद हबीब व 1992 मे कोटा के हाफिज डा. आजम बेग अलिगढ
मुस्लिम युनिवर्सिटी छात्र संगठन के अध्यक्ष निर्वाचित हुये थे। राजस्थान
बार कोंसिल की विभिन्न समितियों के अध्यक्ष भी एजाजुन नबी खान रहे।
वक्फ बोर्ड राजस्थान के दो दफा सदस्य व झुंझुनूं मे सरकारी
वकील रहने के अलावा एजाजुन नबी खान ने 1972 मे मंडावा विधानसभा से जनता
पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा पर बहुत कम अंतर से चुनाव हारे। इसके बाद 1993
मे झूंझुनू विधानसभा से जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़ा था। समाज हित मे
हमेशा अगुवा रहने वाले एडवोकेट एजाजुन नबी खान को समाजी व राजनीतिक सिस्टम
के साथ वकालत की अच्छी समझ थी। एडवोकेट एजाजुन नबी खान के साथ मुझे भी काफी
समय रहने का अवसर मिला। उनकी अधीकांश फिल्ड मे दक्षता होने के कारण उनसे
बहुत कुछ सिखाने को मिला।
मूलतः झूंझुनू
जिले के नुआ गावं के रहने वाले एजाजुन नबी खान बाद मे झूंझुनू आकर खेतड़ी
महल इलाके मे स्थाई निवास बना लिया। उन्हें आज शाम बाद मगरिब झूंझुनू के
कब्रिस्तान मे सुपुर्द ए खाक किया जायेगा।
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