किसी परिसर में पूर्व से स्थापित लिफ्ट या एस्केलेटर का 06 माह के अंदर आनलाइन रजिस्टेªशन कराना अनिवार्य
लखनऊ: 17 जुलाई, 2024 : उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री
श्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों व
अधिष्ठानों लगी लिफ्ट और एस्केलेटर में दुर्घटना के दौरान नागरिकों की
सुरक्षा की दृष्टि से मंत्रि परिषद ने मंगलवार को लिफ्ट और एस्केलेटर
नियमावली-2024 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके पहले लिफ्ट और एस्केलेटर के
विनिर्माण, निर्माण, गुणवत्ता, अंतरनिहित सुरक्षा सुविधायें, संस्थापना,
संचालन और अनुरक्षण आदि के लेकर 26 फरवरी, 2024 को विधानमंडल द्वारा उ0प्र0
लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम-2024 पारित किया गया। इस अधिनियम की धारा-19
के तहत लिफ्ट और एस्केलेटर के संचालन, मशीनरी, उपकरण आदि के रखरखाव के लिए
नियमावली प्रख्यापित की गयी।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि बिना पंजीकरण
के अब किसी भी परिसर में लिफ्ट और एस्केलेटर नहीं लगाये जा सकेंगे। इसके
लिए ऑनलाइन आवेदन कर पहले रजिस्टेªशन कराना होगा। लिफ्ट या एस्केलेटर का
अधिष्ठापन एवं कमीशनिंग पूर्ण होने के पश्चात निर्धारित शुल्क जमा करते हुए
निदेशक विद्युत सुरक्षा के पास ऑनलाइन रजिस्टेªशन कराना होगा। ऐसे
रजिस्टेªशन की अवधि लिफ्ट या एस्केलेटर विनिर्माता द्वारा सुनिश्चित किये
गये अवधि तक विधिमान्य होगी। यदि भवन में अधिष्ठापित लिफ्ट या एस्केलेटर
में कोई परिवर्तन किया जाना हो, तो इसके लिए नया रजिस्टेªशन अनिवार्य रूप
से कराना होगा। प्रदेश में किसी भी परिसर में पूर्व से स्थापित लिफ्ट या
एस्केलेटर का भी 06 माह के अंदर अब आनलाइन रजिस्टेªशन कराना आवश्यक होगा।
श्री
ए0के0 शर्मा ने कहा कि इसी प्रकार नियमावली में व्यवस्था है कि लिफ्ट व
एस्केलेटर के वार्षिक अनुरक्षण हेतु अभिकरण के लिए शामिल सभी एजेंसियों को
भी निदेशक, विद्युत सुरक्षा विकास आनलाइन रजिस्टेªशन कराना होगा। नियमावली
के प्रावधानों के तहत बिजली आपूर्ति बाधित होने या किसी खराबी की स्थिति
में लिफ्ट के अंदर फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए लिफ्ट में आटोमैटिक
रेस्क्यू डिवाइस लगाया जाना अनिवार्य होगा, जिससे कि दुर्घटना के समय लोगों
को बचाया जा सकेगा। सार्वजनिक परिसर में लिफ्ट या एस्केलेटर को संचालित
करने के लिए मालिक द्वारा संचालक नियुक्त किया जाना अनिवार्य होगा। साथ ही
वार्षिक अनुरक्षण संविदा (एएमसी) के लिए पर्याप्त संख्या में सक्षम अर्ह और
प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ लगाया जाना अनिवार्य होगा।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश मंे बढ़ते नगरीकरण, औद्योगिक विकास, बहुमंजिला इमारतों के बनने से सार्वजनिक परिसरों के साथ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, भवनों आदि में लिफ्ट व एस्केलेटर के उपयोग की बढ़ोत्तरी हो रही है। जिसका उपयोग बहुतायत में लोग करने लगे हैं। नागरिकों की सुरक्षा की दृष्टि से और दुर्घटनाआंे को रोकने के लिए नियमावली बनाई गयी है।
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