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झूंझुनू विधानसभा उप चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल शुरु।

 





             ।अशफाक कायमखानी।
झूंझुनू।
           पहले शीशराम ओला व फिर उनके पूत्र विजेंद्र ओला को विधायक बनाने वाले झूंझुनू विधानसभा ते विधायक ओला के सांसद बनने के बाद वहां अब उपचुनाव होगे।  अभी उपचुनाव की तारीखो का ऐलान नही हुवा है फिर भी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल बढने लगी है। सम्भावित उम्मीदवार सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी उम्मीदवारी को दर्शाने लगे है।
                  कांग्रेस की टिकट पर सांसद विजेंदर ओला के पूत्र  अमित ओला का दावा मजबूत माना जा रहा है। जबकि कांग्रेस से मुस्लिम समुदाय के एमडी चोपदार व सेवानिवृत्त आईएएस अशफाक हुसैन भी टिकट की दौड़ मे बताते है। जबकि भाजपा की टिकट पर राजेन्द्र भामू का दावा मजबूत बताते है। लेकिन भामू के अलावा शुभकरण चोधरी, बबलू चोधरी व वर्तमान जिला प्रमुख भी टिकट की दौड़ मे प्रयासरत है। उधर उदयपुर वाटी के पूर्व विधायक राजेन्द्र गुढा भी मैदान मे उतर सकते है।गुढा ने लोकसभा चुनाव के बाद झूंझुनू मे डेरा डाल रखा है। वो धरना-प्रदर्शन व छोटी छोटी सभाएं भी करने लगे है। एमडी चोपदार कांग्रेस सरकार के समय मदरसा बोर्ड चेयरमैन बने है। वो टिकट नही मिलने पर चुनाव लड़ पायेंगे या नही वो देखना होगा।
             झूंझुनू विधानसभा से 1990 मे जनता दल उम्मीदवार माहिर अजाद ने कांग्रेस उम्मीदवार शीशराम ओला को हराया था। वहीं शीशराम ओला के सांसद बनने पर 1993 मे हुये उपचुनाव मे कांग्रेस उम्मीदवार विजेंद्र ओला को भाजपा उम्मीदवार डा.मूलसिंह शेखावत ने हराया था।
             कुल मिलाकर यह है कि उपचुनाव की तारीखी का ऐहलान होना बाकी है। लेकिन सम्भावित उम्मीदवारों ने मतदाताओं की नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है। चर्चा तो यहां तक है कि कांग्रेस-भाजपा को छोड़कर कोई मुस्लिम अन्य दल या निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकता है। लोकसभा चुनाव मे कम अंतर से ओला का चुनाव जीतना उनके पूत्र के लिये भारी माना जा रहा। बताते है कि कांग्रेस का एक धड़ा भी अपनी व्यू रचना रच रहा है।

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