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समय पर गाईडेंस नही मिलने की वजह से अच्छे इंस्टीट्यूट मे दाखिला लेने से महरुम होते मुस्लिम बच्चे।

 


                     ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
              राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा के विज्ञान-आर्ट व वाणिज्य संकाय के सीनियर कक्षा के आये परिणाम मे खासतौर पर मुस्लिम लड़कियों ने अच्छे अंको से उत्तीर्ण हो कर समुदाय को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उन स्टूडेंट्स को आगे देश के अच्छे इंस्टीट्यूट मे दाखिला लेकर उच्च श्रेणी की तालीम लेने मे आने वाली सभी तरह की बाधाएँ हटाकर उन्हें भी वहां तालीम लेने के अवसर मिले। लेकिन समय पर उन्हें इसके लिये गाइडेंस नही मिलने के कारण इन्हें देश के नामी गिरामी विश्वविद्यालय के बजाय स्थानीय इंस्टीट्यूट मे दाखिला लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके चलते इनकी शैक्षणिक ग्रोथ वो नही हो पाती जो इनके अंको के हिसाब से होनी चाहिए।
                 सीनियर विज्ञान के आये परिणाम मे बडी तादाद मे नब्बे प्रतिशत से अधिक अंक लड़कियों ने पाये है। उनमे से अधिकांश चिकित्सक बनने के लिए नीट की परीक्षा भी दी है। जिसका परिणाम जून माह के मध्य मे आना है। इसके अलावा सीनियर के साथ जैईई की परीक्षा भी दी है। इसके विपरीत एक अच्छी तादाद उनकी भी है जिनको समय पर गाईडेंस नही मिलने पर व सीनियर के साथ नीट व जैईई के लिये एप्लाइ ही नही किया है। कुछेक स्टुडेंट्स नीट जैईई की तरफ ना जाकर वो उच्च शिक्षा के लिये आगे कालेज करना चाहती है। पर उन्होंने CUET की परीक्षा मे ना समय पर एप्लाइ किया ओर ना ही किसी अच्छे इंस्टीट्यूट के स्वयं की प्रवेश परीक्षा मे भाग लिया। इस तरह की गाईडेंस समय पर नही मिल पाने के कारण स्टूडेंट्स देश के अच्छे इंस्टीट्यूट मे प्रवेश पाने से महरुम हो जाते है। देश की सेंटर युनिवर्सिटी की विभिन्न संकायों मे प्रवेश के लिये CUET एक माध्यम है। इसी तरह वाणिज्य संकाय से सीनियर करने के बाद विभिन्न तरह की युनिवर्सिटी से विभिन्न प्रकार के कार्सेज होते है।
         सीनियर आर्ट से करने के बाद उसके लिये स्नातक या इंटीग्रेटेड कोर्स करने के ही रास्ते है। सीनियर के अधार पर कुछ कोर्स के सीमित साधन है। बाकी अच्छे इंस्टीट्यूट मे कुछ के लिये स्वयं के प्री टेस्ट बाकी सेंटर विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षाओ सहित CUET टेस्ट देना आवश्यक है।
                      बदकिस्मती कहे या परिवार की लापरवाही या फिर जागरूक होने का अभाव भी हो सकता है कि देखने मे आया है कि हमेशा की तरह इस साल भी सीनियर का परिणाम आने के बाद नब्बे प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाली लड़कियों के वालदैन मालूम कर रहे है कि इनका अच्छे इंस्टीट्यूट सहित जामीया मिलिया व अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी सहित अनेक सेंटर इंस्टीट्यूट मे प्रवेश किस तरह मिल सकता है। जबकि इन इदारों मे प्रवेश पाने के लिये जनवरी-फरवरी मे प्री टेस्ट के लिए एप्लाइ होना शुरु हो जाते है। मार्च-अप्रेल मे प्री टेस्ट हो जाते हैः मई-जून मे प्री टेस्ट के परिणाम आकर प्रवेश प्रक्रिया हो जाती है। ओर हमारे बच्चे अब मई मे प्रवेश के लिये मालूमात कर रहे है।
       मेरे निजी अनुभव के अधार पर कह रहा हु कि आज भी कुछ पेरेंट्स के फोन आये कि उन्होंने कहा की मेरी बच्ची के आर्ट सीनियर मे 93-95 प्रतिशत अंक आये है। वो चाहते है कि उनकी बेटी दिल्ली युनिवर्सिटी, जामीया व एएमयू सहित अन्य नामी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मे प्रवेश पाकर तालीम हासिल करे। पर उनमे इस साल प्रवेश पाने के अवसर इन स्टूडेंट्स के समाप्त हो गये। अगर इन्हें समय रहते गाइडेंस मिल जाती तो यह भी प्रक्रिया मे भाग लेकर अच्छे इंस्टीट्यूट मे प्रवेश पा सकती थी।
             कुल मिलाकर यह है कि गिनती के कुछ जागरूक परिवारो को छोड़कर बाकी परिवार के स्टूडेंट्स को सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं के स्तर पर समय पर इस तरह की आवश्यक गाईडेंस का कोई इंतजाम नही होने के चलते अच्छे इंस्टीट्यूट मे प्रवेश पाने से काफी स्टूडेंट्स महरुम होते जा रहे हैः

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