अदालतों से मौलिक अधिकारों के खिलाफ़ फैसले आना खतरनाक- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ,
24 मार्च 2024. भाजपा सरकार में न्यायपालिका के दुरूपयोग की प्रवित्तियाँ
बढ़ी हैं. ऐसे फैसले आने लगे हैं जो सीधे मौलिक अधिकारों के खिलाफ़ हैं.
हमारा संविधान अल्पसंख्यकों को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ ही
सांस्कृतिक और शैक्षणिक विकास का भी अधिकार देता है. इसलिए इलाहाबाद हाई
कोर्ट का मदरसों के धार्मिक शिक्षा देने के खिलाफ़ आया फैसला इन मौलिक
अधिकारों की भावना के खिलाफ़ है. ये बातें अल्पस्यंखक कांग्रेस प्रदेश
अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 138 वीं कड़ी में
कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने
कहा कि सेकुलर राज्य द्वारा धार्मिक शिक्षा को फंड करना अगर गलत है तो फिर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किसान नेता राजीव यादव की उस याचिका को पिछले साल
क्यों खारिज़ कर दिया था जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हर
ज़िले में रामनवमी का त्योहार आयोजित करने के लिए सरकारी फंड से पैसा देने
के सरकारी आदेश को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार
मस्जिदों के इमामों को सैलरी कैसे देती है या फिर तेलंगाना की केसीआर सरकार
मन्दिर के पुजारियों को सरकारी करचरियों के बराबर सैलरी कैसे दे रही है.
सबसे अहम की भाजपा ने इन दोनों राज्यों की इन योजनाओं का विरोध क्यों नहीं
किया.
शाहनवाज़ आलम ने कहा
कि योगी सरकार ने अल्पसंख्यक वर्गों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों
में नियुक्तियों पर रोक लगा दिया था लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसे खारिज
करते हुए आदेश दिया था कि सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थानों को संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत विशेष अधिकार
प्राप्त है। इस अधिकार के तहत वह अपने यहां कर्मचारियों की नियुक्ति कर
सकते हैं, उसमें राज्य सरकार की ओर से हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। बावजूद
इसके योगी सरकार हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है और आज भी
इन संस्थानों में नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं. लेकिन हाई कोर्ट अपने
निर्देश के उल्लंघन पर चुप है? क्या हाई कोर्ट को इसपर स्वतः संज्ञान नहीं
लेना चाहिए?
शाहनवाज़ आलम
ने कहा कि योगी सरकार ने मनमोहन सिंह सरकार द्वारा शुरू किये गए मदरसा
आधुनिकीकरण योजना से संबद्ध शिक्षकों को पिछले, 8 सालों से सैलरी नहीं दी
है. ऐसे में ज़रूरी है कि संविधान और नागरिकों को मिले अधिकारों की रक्षा
के लिए कांग्रेस सत्ता में आए.
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