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इण्डिया गठबंधन के नीतीश कुमार संयोजक व सोनिया गांधी चेयरपर्सन होगी।




         सीट बंटवारे पर लगभग सहमति-कुछ ओर दल गठबंधन मे शामिल होगे।

                   ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                 दिल्ली मे 4-जनवरी को कांग्रेस के प्रभारी महासचिव व प्रदेश अध्यक्षों सहित प्रमुख नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। जिसमे प्रत्येक प्रदेश की वास्तविक स्थिति पर आंकलन रिपोर्ट पर मंथन करके सीट बंटवारे पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी। ताकि 14-जनवरी से राहुल गांधी की होने वाली न्याय यात्रा से पहले इण्डिया गठबंधन की मीटिंग करके सभी दलो से सीट बंटवारे व चुनावी रणनीति पर बात करके निष्कर्ष पर पहुंचे।
                 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समान विचारधारा वाले दलो को इकट्ठा करके भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने की मुहिम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये चलाईं थी वो अब अंतिम दौर मे पहुंच गई है। सोनिया गांधी के चेयरपर्सन बनने से कुछ अन्य क्षेत्रीय दल भी गठबंधन मे शामिल हो सकते है। नीतीश कुमार के संयोजक व सोनिया गांधी के चेयरपर्सन बनने से किसी को ऐतराज़ भी नहीं होगा।
             14-जनवरी से पहले होने वाली इण्डिया गठबंधन की मीटिंग मे विभिन्न तरह की समितियों का गठन व चुनावी रणनीति फायनल होने की सम्भावना है। गठबंधन को लेकर गोदी मीडिया जो खबरे बना रहा है। उससे वास्तविकता काफी अलग है। सोनिया गाधी के चेयरपर्सन बनने से दक्षिण के अन्य कुछ क्षेत्रीय दल भी गठबंधन मे शामिल होने को राजी हो जायेंगे। उस हालत मे मायावती के भी गठबंधन मे आने की सम्भावना बनती है।
                  राजस्थान मे इण्डिया गठबंधन का असर आयेगा। यहां कांग्रेस स्थानीय क्षेत्रीय दल रालोपा को नागौर सीट देकर समझोता कर सकती है। चूरु सीट माकपा को मिल सकती है। बसपा से गठबंधन होता है तो भरतपुर सीट बसपा को दी जा सकती है।
                कुल मिलाकर यह है कि इण्डिया गठबंधन को लेकर गोदी मीडिया जो खबरें चला रहा है। उससे हटकर वास्तविकता अलग है। 14-जनवरी से पहले इण्डिया गठबंधन की होने वाली मीटिंग मे बहुत कुछ साफ हो जायेगा।

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