राजस्थान मे एआईएमआईएम टीम चुनावो मे बूरी तरह असफल रही।

 



   प्रदेश अध्यक्ष जमील अहमद मुस्लिम बहुल सीट पर मात्र 580 मतो पर सिमटे।
                ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
               राजस्थान मे एआईएमआईएम के राष्ट्रीय नेता सांसद बेरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी के चुनावो के पहले राज्य भर मे दौरे करने पर उनकी सभाओं व जनसंपर्क मे अच्छी खासी भीड़ दिखाई देती थी। लेकिन विधानसभा चुनाव मे एआईएमआईएम के उम्मीदवारों को बहुत ही कम मत मिलने से उनकी राजस्थान टीम की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे है।
                          हालांकि सांसद असदुद्दीन ओवैसी के पार्लियामेंट मे बोलने व सभाओ मे दिये जाने वाले भाषाणो से मुस्लिम तबका उनकी सहरायना करता है। लेकिन चुनावों मे उनको व उनके दल एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम कहकर समुदाय उनके पक्ष मे मतदान करने मे तेलंगाना को छोड़कर बाकी जगह गुरेज करता नजर आता है।
                राजस्थान मे ओवैसी को अभी तक एआईएमआईएम के लिये असल राजनीतिक नेतृत्व करने वाले लीडर्स नही मिल पाये। उन्होंने एक प्रशासनिक अधिकारी के भरोसे मे आकर राजस्थान टीम का गठन तो किया लेकिन वो अधिकारी स्वयं टीम मे शामिल ना होकर अपने भाई को नेतृत्व दिलवा दिया जो राजनीति मे नोसिखिये थे। अधिकारी पर्दे के पीछे काम करने का कह कर स्वयं आऊट हो गये ओर जो राज्य टीम बनी उसमे सभी राजनीति की ABCD से दूर रहने वाले थे। एआईएमआईएम का गंगापुर सिटी से उम्मीदवार रहे पंखीलाल मीणा तो चुनाव चलते दुसरे उम्मीदवार के समर्थन मे बैठने की घोषणा तक करके एआईएमआईएम की फजीहत करवाई। वही एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष जमील अहमद के हवामहल सीट से चुनाव प्रचार मे असदुद्दीन ओवैसी से भाई अकबरुद्दीन ओवैसी प्रचार करने भी आये। पर उन्हें मात्र 580 वोट ही मिले।
              एआईएमआईएम ने राजस्थान विधानसभा मे कुल दस उम्मीदवार मैदान मे उतारे जिसमे से एक भी उम्मीदवार एक हजार का आंकड़ा छू नही पाया।राजस्थान मे कुल रजिस्ट्रड 5 करोड़ 11 लाख 64 हजार 685 मतो मे से एआईएमआईएम को 0.01 मत ही मिल पाये। इनके प्रमुख उम्मीदवार जमील अहमद को हवामहल से 580, इमरान को कामा से 125 व जावेद एडवोकेट को फतेहपुर से 195 मत ही मिल पाये।
              कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव मे एआईएमआईएम चल नही पाई। उसको राजस्थान मे भाजपा की बी टीम के तौर पर ही देखा गया। वही उसका प्रदेश नेतृत्व भी पूरी तरह राजनीति का नोसिखिया साबित हुवा। चुनाव मे टिकट बंटवारे को लेकर प्रदेश नेतृत्व के लिये अनेक तरह की चर्चाएं भी चल रही है। इस तरह के परिणाम आने के बावजूद एआईएमआईएम राजस्थान मे एक दो सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी विचार कर रही है।

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