सुभाष चन्द्र बोस सावरकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को देश विरोधी मानते थे- शाहनवाज़ आलम
लखनऊ,
23 जनवरी 2024। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने सुभाष
चंद्र बोस की जयंती पर उनके सांप्रदायिकता विरोधी विचारों से प्रेरणा लेने
की अपील की है।
उन्होंने
कहा कि हिंदुत्ववादी शक्तियों के उभार के इस दौर में हमें हिंदू महासभा,
विनायक दामोदर सावरकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बारे में उनके विचारों
को युवाओं तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र
बोस ने 1938 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद मुस्लिम लीग और हिंदू
महासभा के सदस्यों के कांग्रेस की सदस्यता लेने पर रोक लगा दी थी।
इसी
तरह युवाओं को बताने की ज़रूरत है कि सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल
आर्मी जब बर्मा के रास्ते भारत में घुसने का प्रयास कर रही थी तब सावरकर
हिंदू महासभा के लोगों को अंग्रेज़ी सेना में भर्ती होने के लिए आहवान कर
रहे थे। वहीं मुस्लिम लीग की बंगाल सरकार में उप मुख्यमंत्री श्यामा प्रसाद
मुखर्जी अंग्रेज़ों से सुभाष चंद्र बोस और भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के
लिए सुझाव भेज रहे थे।
उन्होंने
कहा कि युवाओं को जानना चाहिए कि नवंबर 1944 में टोक्यो यूनिवर्सिटी में
दिए गए एक भाषण में नेता जी ने कहा था कि मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा को
अंग्रेज़ इसलिए बढ़ावा देते हैं क्योंकि इनकी नीति ब्रिटिश समर्थन की है और
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ है।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि भाजपा हिंदू महासभा की ही राजनैतिक वारिस है। जिसके बारे
में 1940 को झारग्राम में दिए एक भाषण में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि
'हिंदू महासभा ने त्रिशूलधारी संन्यासी और संन्यासिनों को वोट माँगने के
लिए जुटा दिया है। त्रिशूल और भगवा लबादा देखते ही हिंदू सम्मान में सिर
झुका देते हैं। धर्म का फ़ायदा उठाकर इसे अपवित्र करते हुए हिंदू महासभा ने
राजनीति में प्रवेश किया है। सभी हिंदुओं का कर्तव्य है कि इसकी निंदा
करें। ऐसे गद्दारों को राष्ट्रीय जीवन से निकाल फेंकें'।
उन्होंने
कहा कि 1941 में नेताजी ने जब आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया तो उसके झंडे के
बीच में एक बाघ की तस्वीर थी। ये बाघ टीपू सुल्तान के झंडे से लिया गया
था। इसी तरफ उन्होंने गाँधी, नेहरू और मौलाना आज़ाद के नाम पर ब्रिगेड बनाए
थे।
उन्होंने कहा कि आज
कांग्रेस और भाजपा के बीच जो संघर्ष चल रहा है वो सुभाष चंद्र बोस के समय
भी था और नेता जी ने कहा था कि यह संघर्ष और तेज़ होना स्वभाविक है क्योंकि
हिंदू महासभा कांग्रेस का स्थान लेना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर
कहा था कि देश की आत्मा को बचाने के लिए कांग्रेस को यह संघर्ष जीतना ही
पड़ेगा। उन्होंने हिंदू महासभा के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी से भी स्पष्ट
तौर पर कहा था कि अगर वो धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए करेंगे
तो वो हिंसक तरीके से उसे तोड़ देंगे।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि भाजपा सरकार सावरकर पर झूठे तथ्यों के साथ रणदीप हुड्डा
अभिनीत फिल्म बनवाकर प्रचार करवा रही थी कि सुभाष चन्द्र बोस सावरकर से
प्रेरित थे। इस झूठ को खुद नेता जी के परिजनों ने ख़ारिज करते हुए
सार्वजनिक तौर पर कहा है कि नेता जी आजीवन हिंदुत्ववादी विचारधारा के
विरोधी रहे। उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा की विचारधारा के खिलाफ़ जो
संघर्ष तब सुभाष चन्द्र बोस ने किया था वही संघर्ष आज आरएसएस के खिलाफ़
राहुल गाँधी कर रहे हैं।
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